Prayagraj Crime News: शहर में है सूखे नशे की डिमांड, जानें क्यों यूथ में पसंद किया जा रहा गांजा, स्मैक
प्रयागराज ब्यूरो । दम मारो दम, मिट जाए गमएक फिल्म का ये गीत आजकल युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। यूथ अपना गम मिटाने के लिए गीले के बजाए सूखे नशे का सहारा ले रहे हैं। जिसका नतीजा है कि शहर में सूखे नशे यानि गांजा और स्मैक की डिमांड बढ़ गई है। डिमांड बढ़ाने की बात ऐसे तस्दीक होती है कि पिछले दो दिन के अंदर दो करोड़ से अधिक के नशीले पदार्थ पुलिस ने पकड़े हैं। इसके अलावा नशीले पदार्थ का कारोबार करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से तीन सप्लायर प्रयागराज के रहने वाले हैं। पुलिस नशे के कारोबार की रीढ़ तोडऩे का प्रयास कर रही है, मगर कारोबारी धंधा चलाने में लगे हुए हैं।
स्टूडेंट्स में है डिमांड
स्टूडेंट्स में सूखे नशे की डिमांड बढ़ती जा रही है। इसके पीछे कारण बताया जाता है कि यूथ सूखा नशा इसलिए इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसे आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता है। सूखे नशे का सेवन करने के बाद यूथ अपना काम निबटाते रहते हैं। और कोई आसानी से भांप भी नहीं पाता है कि किसी ने नशा किया है।
साठ रुपये में मिलता है गांजा
शहर में गांजा का कारोबार दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे कारण है कि गांजा की एक पुडिय़ा साठ रुपये में मिलती है। एक पुडिय़ा गांजा से यूथ अपना दिन गुजार लेते हैं।
चार सौ में मिलता है स्मैक
स्मैक की एक पुडिय़ा चार सौ रुपये में मिलती है। हालांकि स्मैक का नशा हार्ड रहता है। जिसकी वजह से पढऩे वाले यूथ इसे कम इस्तेमाल करते हैं। स्मैक का नशा दिमाग का मानसिक संतुलन खराब कर देता है। जिसकी वजह से हाई क्लास में इसकी डिमांड कम है। मगर इसके बावजूद यह सूखे नशे में महंगा नशा है।
प्रयागराज बना हब
प्रयागराज सूखा नशा सप्लाई का हब बन गया है। इसकी तस्दीक दो घटनाएं करती हैं। शनिवार को नैनी कोतवाली एरिया में पांच आरोपित पकड़े गए। जिनके कब्जे से डेढ़ करोड़ रुपये का तीन कुंतल इक्कीस किलो गांजा बरामद किया गया है। पुलिस ने करछना थाना एरिया के जगदीशपुर के रहने वाले बलराम यादव और मुंगारी के सुनील प्रताप सिंह को पकड़ा है। ये दोनों उड़ीसा से आने वाले गांजा की सप्लाई प्रयागराज में छोटे विक्रेताओं को करते हैं।
उड़ीसा से आया था गांजा
शहर में इन दिनों उड़ीसा से गांजा आ रहा है। उड़ीसा के गंजम जनपद के सनबोरगा गांव के रहने वाले अनिल कुमार गौड़ा, बरमपुर के रहने वाले दिलीप महंत और ब्रम्हपुर गांव के रहने वाले अमरदीप आउत गांजा लेकर प्रयागराज आए थे। तीनों ने बलराम और सुनील को सप्लाई दी। इसके बाद तीनों को वापस जाना था। मगर इसके पहले ही तीनों नैनी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पांचों की गिरफ्तारी में एसटीएफ का भी रोल रहा।
स्मैक सप्लाई का हब धूमनगंज एरिया है। धूमनगंज के ताड़बाग का रहने वाला सोनू स्मैक की सप्लाई करता है। सोनू धूमनगंज से कौशांबी संदीपन घाट एरिया में स्मैक सप्लाई करने गया था। वहां पर उसे पकड़ लिया गया। सोनू के पास से 271 ग्राम स्मैक बरामद की गई है। जिसकी कीमत 54 लाख रुपये है। यहां मिलता है गांजा स्मैक
- सीएवी इंटर कालेज के पास ठेले पर बिकता है गांजा
- अलोपीबाग मंदिर के पास सरकारी भांग की दुकान के पीछे बिकता है गांजा
- मलाका तिराहे पर बिकता है गांजा
- राजापुर में ब्लड बैंक वाली गली में बिकती है स्मैक
- कीडगंज नई बस्ती में बीच वाली सड़क पर बिकता है गांजा
- छिवकी स्टेशन के पास बिकता है गांजा