शहर के प्रमुख बाजारों व व्यस्तम इलाकों में मानक के विपरीत बिक रहा पाउच व बोतल बंद पानी प्यास बुझाने के लिए लोग जल्दबाजी में खरीद रहे डुप्लीकेट पानी का बोतलगर्मी शुरू होते ही पानी के कारोबार में आई तेजी गली-मुहल्लों से लेकर बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहा पानी दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने 'पानी न बिगाड़ दे सेहतÓ के नाम से शुरू किया है खास कैंपेन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है वैसे पीने के पानी का कारोबार भी बढ़ता जा रहा है. बढ़ते कारोबार को देखते हुए मुनाफा कमाने के लिए मानक के विपरीत पानी पाउच और डुप्लीकेसी पानी के बोतल बेचने वाले सक्रिय हो गए हैं. ऐसे में लोगों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. गर्मी में प्यास बुझाने के लिए कई बार लोग जल्दीबाजी में रुपये खर्च कर बीमारियां तक खरीद लेते हैं. ऐसे में जरूरी है कि वे जागरूक होकर पानी की बोतल या फिर पाउच को खरीदें. इस बाबत लोगों को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने 'पानी न बिगाड़ सेहतÓ के नाम से खास कैंपेन शुरू किया है. पहले दिन शहर में पड़ताल करने पर पाया गया कि होटल बस अड्डे स्टेशन के बाहर किराना दुकान और गुमटियों पर स्थानीय स्तर पर लोकल तैयार किए जा रहे पानी के पाउच और पानी की बोतल की बिक्री तेज हो गई है.

विनय कुमार सिंह

न एक्सपायरी न निर्माण की तारीख

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट पहले दिन पड़ताल में आया कि मार्केट में एक रुपए में बिकने वाले पाउच अब पांच रुपए में दो बेचे जा रहे हैं। पन्नी में बंद पानी कहने को तो आइएसआइ मार्का वाला फिल्टर पानी है, लेकिन पड़ताल में दुकानों पर बेचने वालों ने बताया कि हकीकत में यह पानी स्थानीय स्तर पर पैक किया जाता है। मार्केट में मिलने वाले अधिकांश पानी पाउच और डुप्लीकेसी पानी की बोतल में न तो पैकिंग तारीख अंकित होती है न एक्सपायरी डेट लिखी रहती है। यह पानी भले ही तात्कालिक रुप से लोगों के कंठ को तर कर राहत देने में मददगार साबित हो रहे हैं, लेकिन बाद में न जाने कितनी बीमारियों का कारण बन रही हैं। यह पानी पाउच खाद्य एवं औषधि विभाग से बिना अनुमति एवं नगरीय प्रशासन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराएं बिना ही बेचे जा रहे हैं।

इन बीमारियों के होने का चांसेस
इन अधिकांश पाउचों में न तो वाटर प्लांट का पता लिखा होता है न ही पैकेजिंग डेट। फिर भी यह नकली पाउच मार्केट में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। ऐसे पानी के उपयोग से पीलिया, टाइफाइड, अल्माइजर आदि जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के पहले दिन पड़ताल में सामने आया कि ब्रांडेड पानी पाउच की तुलना में शहर में मानक के विपरीत बने पाउच व डुप्लीकेसी पानी की बोतल काफी सस्ते दामों में दुकानदारों को बेचे जाते हैं। इसलिए दुकानदार अपने फायदे के चक्कर में लोगों को दूषित पानी पिलाकर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

यह बात आई सामने
- ब्रांडेड कंपनी की पैकिंग में पानी के 100 पाउच रहते हैं
- वह दुकानदार को 75 से 80 रुपए में मिलती है
- जबकि नकली पानी पाउच की बोरी, जिसमें 100 पाउच होते हैं, अधिकतम 40 से 45 रुपए में मिल जाते है

हाईलाइट
यह है पाउच बेचने के नियम
- किसी भी कंपनी को पानी के पाउच निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा जारी लाइसेंस की जरूरत होती है।
- वहीं खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की अनुमति भी होना आवश्यक है।
- इसके अलावा पानी के पाउच को पैकिंग तारीख दी जाती है।
- जिसमें उस तारीख से निर्धारित समयावधि की भी जानकारी देना अनिवार्य होता है।

समय-समय पर सैंपल लिए जाते हैं, अमानक पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। यदि कहीं किसी निर्माता कंपनी द्वारा नियम का पालन नहीं किया जा रहा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
कमलेश त्रिपाठी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी


अगर कभी आपकी भी डुप्लीकेसी पानी की बोतल व पाउच का पानी पीकर सेहत खराब हुई हो तो आपने सबसे पहले कहां शिकायत की। अगर जानकारी नहीं है तो नीचे दिए गए व्हाट्सएप नंबर पर अपने सवाल पूछ सकते हैं
8948001555

Posted By: Inextlive