होटल के कमरे से एक बार बाहर निकले थे डॉ संजय
प्रयागराज ब्यूरो । सिविल लाइंस स्थित होटल वि_ल के कमरे से डिप्टी सीएमओ डा। सुनील कुमार शनिवार रात करीब 12 बजे एक बार बाहर निकले थे। वह भी करीब एक से दो मिनट के लिए। इसके बाद वह भीतर गए तो अगले दिन कमरे से लाश मिली। सिविल लाइंस पुलिस ने होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो इसका पता चला। फुटेज से यह भी साफ हो गया है कि डिप्टी सीएमओ से मिलने के लिए कोई भी शख्स होटल के कमरे में नहीं पहुंचा था।
दोनो मोबाइल हैं लॉक
उधर, डा। सुनील सिंह के मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि खुदकशी करने से पहले उनकी अपनी पत्नी डा। अलका से बातचीत हुई थी। रात करीब 11 बजे के आसपास पत्नी के मोबाइल पर काल करके उन्होंने काफी देर तक बात की थी। हालांकि उनके बीच क्या बात हुई थी, यह साफ नहीं है। उधर, घटना के दूसरे दिन भी आत्महत्या का सही कारण पुलिस नहीं तलाश पाई। माना जा रहा है कि डिप्टी सीएमओ के मोबाइल से आत्महत्या की वजह का पता चल सकता है, लेकिन दोनों मोबाइल लाक है। लाक तोडऩे पर मोबाइल के फार्मेट होने का खतरा है। ऐसे में पुलिस कई बिंदु पर छानबीन कर रही है। वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र स्थित मझमिठिया पांडेयपुर गांव निवासी डा। सुनील कुमार सिंह प्रयागराज में डिप्टी सीएमओ के पद पर कार्यरत थे। रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे वह ड्राइवर सतीश सिंह के साथ होटल पहुंचे थे। इसके बाद कमरा नंबर 106 में रुक गए। सोमवार सुबह करीब आठ बजे डा। सुनील की पत्नी अलका ने ड्राइवर को फोन पति से बात कराने के लिए कहा। ड्राइवर, होटल कर्मचारियों के साथ कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन नहीं खुला। खिड़की से देखा तो वह बेडशीट के बने फंदे में पंखे के चुल्ले से लटक रहे थे। उनके आत्महत्या की खबर मिले ही पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर छानबीन की थी।
घटना के दूसरे दिन भी पुलिस आत्महत्या के कारणों की तलाश में जुटी रही, लेकिन कुछ साफ नहीं हो सका। परिवार वाले स्थानांतरण न होने से परेशान होने की बात कह रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग में कई तरह की चर्चा है। ऐसे में पुलिस कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।
होटल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है। वहां कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं पहुंचा था। आत्महत्या के कारण के बारे में पता लगाया जा रहा है।
श्वेताभ पांडेय, एसीपी
आइपीएल में लगाते थे पैसा
प्रयागराज में तैनात लालपुर पांडेयपुर के मझमिठिया निवासी डिप्टी सीएमओ डा। सुनील सिंह की खुदकुशी की खबर मिलते ही उनके स्वजन अचंभित रह गए। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं। वह घनश्याम सिंह डिग्री कालेज के प्रबंधक नागेश्वर सिंह के छोटे भाई हैं। सूत्रों के अनुसार डा। सुनील सिंह मैच के शैकीन थे। आइपीएल में पैसे लगाते थे। इसमें पिछले कई वर्षों से नुकसान हो रहा था। नुकसान होने पर एक बार वह अपहरण का झूठा नाटक कर कोलकाता चले गए थे। परिवार के लोग किसी प्रकार वहां से लेकर आए थे। गत दिनों सुनील एक बड़ी रकम हार गए थे। 50 लाख देने के बाद मामला समाप्त हुआ था।