सफाई बंद, शहरवासी तंग
नगर निगम ने agreement cancel करने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव
हरी-भरी ने सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए निगम को दिया नोटिस कूड़ा डंप होने से बढ़ रहा बीमारियां फैलने का खतरा balaji.kesharwani@inext.co.in ALLAHABAD: समझौता हुआ था घर से लेकर मोहल्ले तक की सफाई का। घर-घर से कूड़ा कलेक्ट करने की योजना बनी और ठेका दिया गया। अब स्थिति यह है कि एग्रीमेंट करने वाले दोनों पक्ष एक-दूसरे के साफ कर देने की जंग लड़ रहे हैं। नगर निगम ने लाइसेंस कैंसिल करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है तो हरी भरी ने कोआपरेट न करने का आरोप लगाते हुए नगर निगम को नोटिस थमा दिया है। 20 महीने पहले हुआ था करारकरीब 20 महीने पहले नगर निगम और हरी-भरी ने हाथ मिलाया था। तय हुआ था कि हरी भरी डोर टु डोर कलेक्शन करेगी और इसके लिए संसाधन नगर निगम मुहैया कराएगा। लक्ष्य था कि कूड़ा न गली में दिखे और न ही मोहल्ले में। पब्लिक से मंथली वसूली का रेट भी तय कर लिया गया। वसूली नगर निगम को करनी थी और फिर पेमेंट हरी भरी को जाना था। कूड़ा निस्तारण के लिए बसवार में प्लांट भी डेवलप कर दिया गया। पहले एडब्ल्यूपी और अब हरी-भरी के साथ नगर निगम के चल रहे विवाद से सबसे बड़ी समस्या शहर के लोगों को हो रही है। आगे यह समस्या और बढ़ेगी क्योंकि जो लोग कूड़ा हरी-भरी को देने की आदत डाल चुके हैं, उनके घरों में अब कूड़ा सड़ने की नौबत आ गई है। कुछ स्थानों पर तो मोहल्लों में भी कूड़ा दिखने लगा है।
नगर निगम ने तोड़ा एग्रीमेंट हरी-भरी के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम और हरी-भरी के बीच हुए एग्रीमेंट के अनुसार डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और प्लांट संचालन के छह महीने बाद ही नगर निगम 415 रुपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से शहर से कूड़ा बसवार ले जाने के लिए शुल्क देगा। लेकिन आज तक कूड़ा उठाने के नाम पर एक रुपया भी नहीं दे सका है। हरी-भरी का दावा 18 महीने में डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन और प्लांट संचालन पर खर्च कर चुका है करीब 16 करोड़ रुपया डीटीडीसी पर एक महीने में खर्च होता है 25 लाख बसवार प्लांट संचालन में खर्च होता है 30 लाख नगर निगम नहीं कर रहा है कोई खर्च। जिससे हर महीने 50 से 55 लाख रुपये हो रही है बचतजोन एक और जोन पांच के वार्डो का जिम्मा नहीं है हरी-भरी के पास
53 वार्ड में चल रहा है डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन। लेकिन, 50 से 60 परसेंट घरों से ही उठ रहा है कचरा
हरी-भरी का एग्रीमेंट कैंसिल करने का सदन ने भेजा प्रस्ताव छह अप्रैल को नगर निगम में सदन की बैठक बुलाई गई। जिसमें पुनरीक्षित बजट पर चर्चा हुई। कुछ पार्षदों ने हरी-भरी के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया था। जिस पर सर्व सम्मति से हरी-भरी का एग्रीमेंट कैंसिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया गया था। मेयर को भेजी नोटिस 6 अप्रैल को नगर निगम सदन के निर्णय से परेशान हरी-भरी ने नगर निगम पर ही एग्रीमेंट की शर्तो को तोड़ने का आरोप लगाते हुए करोड़ों रुपये के भुगतान की नोटिस भेज दी है। नोटिस मेयर अभिलाषा गुप्ता के नाम भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा निस्तारण में बाधा आ रही है। इसकी जानकारी नगर निगम को दी गई, लेकिन जवाब नहीं मिला। काम में हो रही दिक्कत और नगर निगम के मूक दर्शक बने होने की वजह से डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन करने में असमर्थ हैं। 600 मिट्रिक टन कूड़ा पर डे निकलता है शहर में 80वार्ड है नगर निगम के दायरे में
27 वार्डो में पूरी तरह से बंद है डोर टु डोर गार्बेज कलेक्शन 53 वार्डो में भी सिर्फ 50 फीसदी तक ही उठ रहा है कूड़ा 20 महीने से घाटा सहते हुए शहर में डोर टु डोर कूड़ा कलेक्शन करा रहे हैं। प्लांट चल रहा है। नगर निगम से एक रुपये की भी मदद नहीं मिली। नगर निगम ने आर्थिक मदद एग्रीमेंट के अनुसार नहीं किया तो काम करने में दिक्कत होगी। -अमित पारसनाथ कुमार एमडी हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड हरी-भरी खुद एग्रीमेंट का पालन नहीं कर रहा है। नगर निगम ने पहले ही क्लीयर कर दिया था कि जब जोन वार 70 परसेंट तक डीटीडीसी होगा, तभी नगर निगम मदद करेगा। वर्तमान में 5 परसेंट भी काम नहीं हो रहा है। एक करोड़ 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है। अभिलाषा गुप्ता मेयर, नगर निगम