रिकार्ड मत बनाइए, वैक्सीन लगवाइए
- मेगा वैक्सीनेशन ड्राइव में प्रदेश में नंबर वन बना प्रयागराज
- आम दिनों में काफी कम रहता है वैक्सीनेशन, स्लॉट बुकिंग है समस्या प्रयागराज- बहुत खुशी की बात है कि एक दिवसीय मेगा वैक्सीनेशन ड्राइव में प्रयागराज का पहला स्थान रहा। जिले में एक दिन में कुल मिलाकर 90483 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। यह प्रदेश में सबसे बड़ा आंकड़ा रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि एक दिन का रिकार्ड बनाने से बेहतर होगा कि अगर रोजाना ऐसे ही वैक्सीनेशन को स्मूथली चलाया जाए। सेंटर्स की संख्या बढ़ाई और वैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। फिर यह रिकार्ड जिले में रोजाना बन सकते हैं। एक दिन में बनाए नौ गुना सेंटरबता दें कि दो अगस्त को कुल 44 सेंटर में वैक्सीनेशन हुआ था और इस दिन 12892 लोगों का टीकाकरण किया गया। जबकि तीन अगस्त को मेगा ड्राइव चलाई गई और इस दौरान 383 सेंटर बनाए गए और 90483 लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया जो प्रदेश में सर्वाधिक रहा। वहीं चार अगस्त को एक बार फिर 44 सेंटर पर वैक्सीनेशन करवाया गया और 10336 लोगो ंने वैक्सीनेशन करवाया।
सब दिन क्यों नही मिलती वैक्सीनशासन ने एक दिन के वैक्सीनेशन के लिए जिले को 86000 वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई है। जबकि आम दिनों में अधिकतम 15 हजार डोज ही उपलब्ध रहती है। ऐसे में मजबूरन स्वास्थ्य विभाग को 44 सेंटर बनाने पड़ते हैं। अगर वैक्सीन पर्याप्त रहे तो प्रतिदिन 20 से 25 हजार को वैक्सीनेट किया जा सकता है। लेकिन शासन की ओर से वैक्सीन की अधिक डोज नहीं दी जा रही है।
पांच अगस्त को महज नौ सेंटर उधर, पांच अगस्त को एक बार फिर महज नौ सेंटर पर ही वैक्सीनेशन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वैक्सीन मौजूद नहीं होने से ऐसा किया जा रहा है। यह नौ सेंटर केवल शहरी एरिया में बनाए गए हैं। ग्रामीण एरिया में एक भी सेंटर नहीं रहेगा। ऐसे मान लिया जाए कि दिनभर में महज चार से पांच हजार लोग ही वैक्सीन लगवा पाएंगे। ऐसे में वैक्सीनेशन का आंकड़ा पुन: काफी नीचे चला जाएगा। आंकड़ों पर एक नजर दिन सेंटर वैक्सीनेशन की संख्या दो अगस्त 44 12852 तीन अगस्त 383 90483 चार अगस्त 44 10376 यह है मेन समस्याकम वैक्सीन होने के बावजूद भी हजारों लोग चाहकर भी वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं। जिसका साफ कारण है कि कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने पर स्लॉट नहीं मिलता है। लोगों का कहना है कि रात बारह बजे के बाद स्लॉट नजर आते हैं तो वही अन्य लोगों का कहना है कि संडे को एक घंटे के लिए स्लॉट खुलता है। इससे वैक्सीनेशन में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
प्रदेश में हमारा पहला स्थान रहा है। लेकिन अगर वैक्सीन उपलब्ध हो तो अधिक से अधिक सेंटर पर वैक्सीनेशन कराया जा सकता है। इससे एचीवमेंट का ग्राफ अधिक बड़ा हो जाएगा। डॉ। तीरथ लाल, वैक्सीनेशन इंचार्ज, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज बहुत से लोग हैं जो स्लॉट बुक नहीं होने पर वैक्सीन नहीं लगवा पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पहले से अधिक बेहतर बनाया जाए। लालू मित्तल, दवा व्यवसाई बहुत से लोग अभी भी वैक्सीन नहीं लगवा सके हैं। यह लोग इंतजार में हैं कि कब स्लॉट बुक हो जाए और वह आसानी से वैक्सीन लगवा सकें। डोर-टू-डोर वैक्सीन के लिए सरकार का पहल करनी चाहिए। वहीं वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा प्रदान की जाए। डॉ। अरुण कांत श्रीवास्तव, स्किन विशेषज्ञआम व्यक्ति की समस्या को देखते हुए अधिक से अधिक सेंटर बनाए जाएं और वहां पर अधिक संख्या में वैक्सीन उपलब्ध हो। जिससे सभी का वैक्सीनेशन प्रॉपरली कराया जा सके।
डॉ। एलएस ओझा, ईएनटी विशेषज्ञ