घाट पर लकड़ी खरीद की रसीद डेथ सर्टिफिकेट के लिए पर्याप्त
घाट पर 200 रुपये की पर्ची काटने की शिकायत पर नगर निगम ने किया अपडेट
डेथ सर्टिफिकेट को लेकर पूरी प्रक्रिया है ऑनलाइन, किसी भी प्रकार की वसूली है अवैध लकड़ी खरीदने वाले को ही नोट कराएं मृतक का डिटेल, उसकी रशीद होगी मान्यरसूलाबाद श्मशान घाट पर दाह संस्कार को रजिस्टर्ड कराने के लिए दो सौ रुपये देने की जरूरत नहीं होगी। नगर निगम सदन में यह मुद्दा उठाये जाने के बाद घाट पर यह व्यवस्था देखने वाली संस्था श्रीमती महाराजिन बुआ सेवा समिति ने खुद अपने हाथ पीछे खींच लिये हैं। समिति की ओर से कहा गया है कि रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार में किसी भी प्रकार सुविधा शुल्क व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। इससे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में होने वाली दिक्कत पर मेयर का कहना है कि घाट पर लकड़ी के स्टॉल हैं। लकड़ी खरीदते समय उसी को मृतक का डिटेल नोट कराकर रसीद ले लें। इसे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की आनलाइन प्रक्रिया पूरी किये जाने के दौरान अपलोड कर देना भी वैलिड मान लिया जाएगा।
महापौर से की गई थी शिकायतनगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पिछले दिनों रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूली की शिकायत महापौर से की थी। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण शुल्क वसूला जा रहा है। मृतक के परिजनों को शुल्क के बदले दिए जाने वाले प्रमाण पत्र का कोई औचित्य नहीं है। इस आधार पर नगर निगम मृत्य प्रमाण जारी नहीं करता। अखिलेश ने महापौर को बताया कि एक पार्षद से भी श्मशान घाट पर प्रमाण पत्र के लिए 200 रुपये वसूले गए। शिकायत सुनने के बाद महापौर ने बताया कि जब नगर निगम निर्धारित अवधि में नि:शुल्क प्रमाण पत्र जारी करता है तो श्मशान घाट पर 200 रुपये कैसे वसूले जा रहे हैं।
समिति के द्वारा अब नहीं जारी होगी रसीद सोमवार को श्रीमती महाराजिन बुआ सेवा समिति के प्रतिनिधि मंडल ने मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी से मुलाकात की। समिति के महामंत्री जगदीश त्रिपाठी बाबाजी के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार में किसी भी प्रकार सुविधा शुल्क व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। जगदीश त्रिपाठी ने बताया कि उनके या उनकी संस्था के द्वारा आगे भी संस्था की ओर से कोई प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाएगा। इस मौके पर उपाध्यक्ष अखिलेश सिंह, कार्यकारिणी सदस्य कमलेश तिवारी, राजन प्रजापति, कमलेश सिंह, राजेश निषाद, आकाश सोनकर आदि लोग मौजूद रहे।घाट पर नगर निगम देखती है पूरी व्यवस्था
- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने कहा कि घाट पर नगर निगम की ओर से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। - श्मशान घाट पर सफाई से लेकर अन्य व्यवस्था निगम के कर्मचारियों की जिम्मेदारी होती है। - डेथ सर्टिफिकेट की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। - अधिकतम एक माह के अंदर डेथ सर्टिफिकेट जारी हो जाता है। - यदि किसी संस्था या लोगों द्वारा डेथ सर्टिफिकेट के नाम से वसूली की जाती है तो पूरी तरह से गलत है। - यदि कोई वसूली करते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। - श्मशान घाट पर लकड़ी खरीदने वाले टाल मालिक को मृतक का डिटेल नोट करा दें। - उसके द्वारा यह लिखकर दिया जाता है कि अमुख व्यक्ति की मृत्यु हुई है और उसका इस घाट पर अंतिम संस्कार किया गया है। - बहुत आवश्यकता पड़ने पर नगर निगम या नगर पालिका इसकी मांग कर सकती है। - श्मशान घाट पर लकड़ी के लिए दें केवल 4000 रुपये, इससे ज्यादा की वसूली अवैधघाट से मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर नगर निगम की ओर से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। यदि कोई शुल्क की वसूली करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
अभिलाषा गुप्ता नंदी, मेयर, नगर निगम