विद्युत चोरी की दर्ज एफआईआर से मोबाइल नंबर निकाल कर फ्राडजेल जाने से बचाने व केस समाप्त कराने के नाम पर मांगी रकम कई के पास पहुंची कॉलविद्युत प्रवर्तन कार्यालय द्वितीय में हुई शिकायत लुटने से बच गये कई

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हैलो-मैं विद्युत प्रवर्तन कार्यालय से बोल रहा हूं। तुम्हारे के खिला बिजली चोरी का केस दर्ज है, जेल जाना है कि मुकदमा समाप्त करना है। यदि कार्रवाई बाद आप के पास भी ऐसी कॉल मोबाइल पर आए तो सतर्क हो जाएं। क्योंकि, इस लुटेरी कॉल का कनेक्शन सीधे साइबर फ्राड से सामने आया है। कार्रवाई बाद पकड़े गए लोगों से केस समाप्त करने के नाम पर हुए फ्राड की कुछ शिकायतें विद्युत प्रवर्तन दल द्वितीय के दफ्तर पहुंची हैं। मामला संज्ञान आने के बाद अब प्रवर्तन दल के प्रभारी व जेई आदि लोगों को इन साइबर ठगों से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। इस के मामलों की शिकायत पीडि़त के द्वारा साइबर सेल तक में कराई जा चुकी है। विद्युत प्रवर्तन दल द्वितीय के अफसर बताते हैं कि जांच में पकड़े गए लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के बाद साइबर फ्राड उन्हें टारगेट कर रहे हैं। लोगों को ऐसी किसी भी कॉल पर विश्वास कतई नहीं करें। विभाग से केस खत्म कराए जाने से सम्बंधित कोई कॉल या पैसों की डिमांड नहीं की जाती। मुकदमा दर्ज है और ऐसी कॉल किसी के पास आती है तो उन्हें तत्काल विद्युत चोरी निरोधक दल थाना करेली से संपर्क करें।

सैंपल केस एक
इब्राहिमपुर नवाबगंज निवासी जगलाल के खिलाफ एंटी पॉवर थेप्थ करेली थाने में बिजली चोरी का केस दर्ज हुआ था। यह मुकदमा विद्युत प्रवर्तन दल द्वितीय के जरिए पिछले 15 तारीख को जांच के बाद लिखा गया था। बताते हैं कि दर्ज मुकदमे में जगलाल का मोबाइल नंबर था। केस दर्ज होने के दो तीन दिन बाद उनके नंबर पर कॉल की गई। कॉलर ने कहा कि वह प्रवर्तन कार्यालय विद्युत से बोल रहा। जेल जाना है कि केस फाइनल कराना है। साइबर फ्राड के झांसे में आए जगलाल ने जवाब किया जेल कौन जाना चाहता है साहब, रास्ता बताएं। तुरंत शातिरों के जरिए तीस हजार रुपये ऑनलाइन डिमांड की गई। वह 20 हजार बाद में देने की बात कहकर दस हजार ट्रांसफर। अपने फौजी बेटे से बीस हजार देने के लिए मांगा। फौजी समझ गया और सीधे प्रवर्तन कार्यालय इस फ्राड की शिकायत किया। प्रवर्तन अधिकारी द्वारा साइबर सेल में मामले की तहरीर दी गई है।


सैंपल केस दो
शहर के टैगोर टाउन चिल्ला की रहने वाली जोगवती देवी के यहां 12 जुलाई को विद्युत प्रवर्तन टीम द्वारा चेकिंग की गई। विभागीय लोग बताते हैं कि उसका भी मामला पकड़े जाने के बाद दर्ज कराया गया था। केस दर्ज होने के बाद उसके पास भी साइबर फ्राडों के द्वारा फोन किया गया। खुद को प्रवर्तन कार्यालय विद्युत से बताते हुए दर्ज केस की बात करते हुए जेल भेजने की घुड़की दिए। इसके बाद मुकदमा समाप्त करने का झांसा देते हुए शातिरों के जरिए बीस हजार रुपये की डिमांड की गई। वह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं करती थी। लिहाजा कैस देने की बात कही तो शातिर फोन काट दिए। फोन कटा तो वे खुद प्रवर्तन दफ्तर जा पहुंची। कार्यालय के लोग उसकी बात सुनते तो दंग रह गए। चूंकि वह पैसा दी नहीं थी लिहाजा कोई तहरीर नहीं दी गई।

सैंपल केस तीन
प्रवर्तन कार्यालय द्वितीय म्योहाल में एक और चौंकाने वाली शिकायत पहुंची है। शिकायत करने वाली महिला का नाम लक्ष्मी देवी बताया गया। वह चिल्ला टैगोर टाउन की निवासी बताई गई। कर्मचारियों के मुताबिक टीम के द्वारा 12 जुलाई को उसके यहां चेकिंग की गई थी। बिजली चोरी का मामला पकड़े जाने के बाद केस दर्ज कराया गया था। एफआईआर में उसका भी सब की तरह मोबाइल नंबर दिया गया। कहते हैं कि केस दर्ज होने के चार दिन बाद उसके मोबाइल लुटेरी कॉल घनघनाने लगी। रिसीव की तो शातिर कॉलर खुद को प्रवर्तन विद्युत कार्यालय से बताते हुए मुकदमा को खत्म करने के लिए 25 हजार रुपये ऑनलाइन डिमांड की गई। हालांकि वह महिला समझदार निकली और एक भी रुपया नहीं भेजी। इस तरह वह जागरूकता का परिचय देते हुए साइबर फ्राड की ठगी से बच गई।

प्रवर्तन दल के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद यदि किसी के पास ऐसी कॉल पहुंचती हैं तो कॉलर के कहने पर एक भी रुपया ट्रांसफर करने की जरूरत किसी को नहीं है।
निशा निषाद
प्रभारी विद्युत प्रवर्तन दल

Posted By: Inextlive