यहां न लगाएं लाइन, देहातों में मिल जाएगा स्लॉट
- शहर के सेंटरों पर रहती वैक्सीनेशन की मारामारी, करना पड़ता है इंतजार
- वहीं ग्रामीण इलाकों में लक्ष्य से कम संख्या में लोगों के पहुंचने से वायल हो रही है वापस - 48 केंद्रों पर चलाया जा रहा है अभियान प्रयागराजशहरी और उनकी सीमा से सटे इलाकों में बने टीकाकरण केंद्रों पर जहां लंबी लाइन लग रही है वहीं ग्रामीण इलाकों में लक्ष्य से कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। कारण घर से नजदीक हैं या वैक्सीन सेंटर मेन रोड या हाईवे के नजदीक बना हुआ है। जिससे लोग आसानी से वहां तक पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से लंबी लाइन लगने के साथ वैक्सीन लगवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.इनका औसत एचीवमेंट भी लक्ष्य के मुकाबले 95 से 100 फीसदी के बीच है। जबकि ग्रामीण इलाकों में पहुंच कम होने से 60 से 75 फीसदी तक औसतन वैक्सीनेशन होता है। यहां वायल बच जा रही है।
इन सेंटरों पर मंगानी पड़ती है एक्स्ट्रा वायलबहादुरपुर ब्लॉक, सैदाबाद ब्लॉक, हंडिया, हंडिया ब्लॉक, सीएचसी प्रतापपुर, सीएचसी फूलपुर, फूलपुर ब्लॉक, सीएचसी कौडि़हार, सीएचसी सोरांव, सीएचसी चाका, सीएचसी जसरा, रामनगर, उरुवा ब्लॉक, मांडा, मांडा ब्लॉक व शहरी एरिया में एसआरएन, मेडिकल कॉलेज, काल्विन हॉस्पिटल, एमडीआई हॉस्पिटल, लाल बहादुर शास्त्री होमियोपैथिक कॉलेज, कैंटोनमेंट हॉस्पिटल। सूबेदारगंज स्टेशन में लाभार्थियों के अधिक आने से एक्स्ट्रा वायल लेनी पड़ती है।
यहां आसानी से लग जाएगी वैक्सीन इसी तरह कुछ सेंटर्स पर अगर एक दिन का वैक्सीन का लक्ष्य 200 दिया गया है तो यहां 60 से 75 फीसदी तक औसतन वैक्सीनेशन होता है। यहां पर आसानी से स्लॉट भी मिलेगा और जल्दी वैक्सीन भी लग जाएगी। इनमें कोटवा एट बनी, झूंसी, धनुपुर ब्लॉक, सीएचसी प्रतापपुर, बहरिया, कौडि़हार सीएचसी, कौडि़हार ब्लॉक, होलागढ़ सीएचसी, मऊआइमा, जसरा ब्लॉक, शंकरगढ़ ब्लॉक व सीएचसी, डफिरिन हॉस्पिटल, दारागंज, टीबी हॉस्पिटल शामिल हैं। इन सेंटर्स फिलहाल अधिक भीड़ नही पहुंच रही है। सता रहा तीसरी लहर का डर वैक्सीन की कमी की वजह से सेंटर्स की संख्या आधी रह गई है। पहले 95 सेंटर्स पर वैक्सीन लगाई जाती थी लेकिन अब यह संख्या सिमटकर 48 पर आ गई है। इनका लक्ष्य भी अधिक नहीं है। बावजूद इसके रोजाना औसत 9 से 10 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। कोरोना की तीसरी लहर के भय से लोगों की वैक्सीन लगवाने की ललक बढ़ रही है। इस वजह से सेंटर्स पर भीड़ भी नजर आने लगी है। तो आसानी से लग जाती थी वैक्सीनहाल ही में रूरल के आधा दर्जन सेंटर्स पर क्लस्टर अभियान के तहत वैक्सीन लगाई जा रही थी। लेकिन वैक्सीन नहीं होने से इसे बंद कर दिया गया। यहां पर ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इस वजह से भीड़ भी पहुंचने लगी थी। शहर के नजदीक के सेंटर्स पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे थे। कई बार स्लॉट ऑनलाइन फुल दिखाता है और सेंटर्स पर भीड़ नहीं नजर आती।
जिले के कई सेंटर्स पर स्लॉट खाली रह जाते हैं और लोग वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचते। इंटीरियर के इन सेंटर्स पर रोजाना वायल बच जाती हैं। जबकि आसानी से पहुंच वाले सेंटर्स पर अधिक भीड़ होती है। इसलिए खाली सेंटर्स पर आसानी से वैक्सीनेशन कराया जा सकता है। डॉ। तीरथ लाल, एसीएमओ व वैक्सीनेशन प्रभारी