कोरोना संक्रमण काल में बड़ी संख्या में मरीजों को दिया गया था स्टेरॉयड

स्टेरॉयड के ज्यादा यूज से कई तरह की बॉडी में खड़ी हो जाती है प्रॉब्लम

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PRAYAGRAJ: कोरोना की दूसरी लहर से जमकर तबाही मचायी थी। मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था। ऐसे में मरीजों को बड़ी संख्या में स्टेरॉयड दिया गया। स्टेरॉयड भले ही बॉडी के लिए कुछ मामलों में हेल्पफुल हो, लेकिन अधिक संख्या में इसके यूज का बॉडी पर निगेटिव असर पड़ता है। यहीं कारण है कि डाक्टर्स स्टेरॉयड के अधिक यूज को हमेशा ही मना करते हैं। लेकिन मरीज ही नहीं, बड़ी संख्या में यूथ भी इसका सेवन करते है। जिससे उनके अंदर स्टेमिना बढ़ सके। खासतौर पर बेहतर और जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में भी इसका यूज युवाओं के बीच सबसे ज्यादा होता है।

हड्डियों पर सबसे ज्यादा पड़ता है असर

स्टेरॉयड के अधिक यूज का सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर पड़ता है। बेली हॉस्पिटल के डॉ। एपी सिंह बताते है कि स्टेरायड का आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल युवाओं में देखा जा रहा है। युवा बॉडी बिल्डिंग के चक्कर में इसका यूज सबसे ज्यादा करते हैं। स्टेरॉयड का अधिक यूज करने से हड्डियां कमजोर होने लगती है। जिससे आगे कई तरह की दिक्कत होने लगती है। इसमें जोड़ों में दर्द, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, गांठे बनना, बाल झड़ने के साथ ही बॉडी का विकास भी रूक सकता है।

लीवर और किडनी को भी होता है नुकसान

ओरल स्टेरायड के सेवन से लीवर और किडनी को भी नुकसान पहुंचता है। व्यक्ति का पेट हमेशा के लिए फूल सकता है। यह व्यक्ति के मूड को भी प्रभावित करता है।

हार्ट अटैक का बढ़ जाता है खतरा

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में संक्रमित मरीजों की मौत के पीछे सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक था। ऐसे में ये बात भी सामने आयी थी कि अधिक मात्रा में स्टेरॉयड के यूज के कारण हार्ट अटैक कारण बना था। मोती लाल नेहरू मेडिकल कालेज के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डा। पीयूष सक्सेना ने बताया कि इससे कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का स्तर बढ़ जाता है। जिससे दिल कमजोर हो सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। दिल का आकार भी बढ़ सकता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से घबराहट और स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। इसके अलावा व्यक्ति में नपुंशकता भी हो सकती है।

हार्मोन असंतुलन है आम

डाक्टर्स की माने तो स्टेरायड के इस्तेमाल के बाद बॉडी में हार्मोन असंतुलन आम है। इसमें सीने में उभार हो जाता है। इसे गाइनोमास्टिया कहते है। यह समस्या एक बार होने के बाद धीरे-धीरे बढ़ती है।

एक्सप‌र्ट्स की सलाह

स्टेरॉयड के दो समूह होते हैं। कॉटिकोस्टेरायड और एनाबॉलिक स्टेरॉयड। कॉटिकोस्टेरायड का इस्तेमाल अर्थराइटिस, अस्थमा, लुपस, मल्टीपल स्कलेरोसिस, एक्जिमा और चकत्ते के जैसी स्किन की परेशानियों, अंग के प्रत्यारोपण के समय, कोरोना और कुछ प्रकार के कैंसर में किया जाता है। इन्हें डाक्टर की सलाह पर धीरे-धीरे बंद किया जाना चाहिए। वहीं बॉडी बल्डिंग में लोग एनाबालिक स्टेरायड का यूज करते है। जबकि इसका उपयोग बगैर डाक्टर के परामर्श बॉडी के लिए बेहद खतरनाक है।

- स्टेरायड के अधिक सेवन से बॉडी के अंदर काफी नुकसान होता हे। इससे हड्डियां कमजोर होती है। लीवर और किडनी भी डैमेज होती है। इसके अलावा हॉर्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ। एपी सिंह, आर्थोपैडिक सर्जन, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive