ब्लड बैंकों की बदहाली पर भारी न पड़ जाए मच्छरों का डंक
प्रयागराज ब्यूरो । डेंगू का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को चार नए मरीज सामने आए। इस तरह से अब तक जिले में मरीजों की संख्या 30 हो चुकी है। दूसरी ओर धीरे धीरे प्लेटलेट की मांग भी बढऩे लगी है। ऐसे में ब्लड बैंकों की बदहाली भविष्य में भारी पड़ सकती है। सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति बेली और एसआरएन अस्पताल के ब्लड बैंक की है। यहां का स्टाक काफी नीचे चला गया है। वहीं हाल ही में हुए कैंप की वजह से काल्विन अस्पताल के ब्लड बैंक में आसानी से ब्लड उपलब्ध हो रहा है।पैना होता जा रहा डेंगू का डंक
शुक्रवार को जो नए चार मरीज मिले हैं वह कोरांव, मेजा, हंडिया और नैनी एरिया में मिले हैं। इसके अलावा शहर के तमाम प्राइवेट अस्पताल व क्लीनिक में भी डेंगू के संभावित मरीज पहुंच रहे हैं। मलेरिया विभाग की माने तो अब तक 30 मरीज सामने आए हैं और इनमें से 6 मरीज ऐसे हैं जिनका पता गलत दर्ज कराया गया है। उनकी तलाश जारी है। दो मरीजों की हालत गंभीर होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिवकुटी की चिल्ला बस्ती, गोङ्क्षवदपुर, तेलियरगंज और मेहंदौरी में भी डेंगू के लक्षण वाले मरीजों के मिलने की सूचना है।
आने लगी प्लेटलेट की मांगइस समय बेली ब्लड बैंक में केवल बीस यूनिट ब्लड मौजूद है। यह आंकड़ा वैसे भी मलेरिया और डेंगू के सीजन में चौकाने वाला है। इसी तरह मंडल के सबसे बड़े एसआरएन अस्पताल के ब्लड बैंक में 30 यूनिट ब्लड मौजूद है। काल्विन अस्प्ताल में डोनेशन कैंप आयोजित होने की वजह से यहां 83 यूनिट ब्लड है। वही प्लेटलेट की डिमांड आने लगी है। तीनो ब्लड बैंकों में रोजाना 15 से 20 लोग पहुंच रहे हैं। ब्लड बैंक प्रभारियों का कहना है कि जब तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड मौजूद नही होगा, प्लेटलेट उपलब्ध कराना आसान नही होगा। नहीं जागा स्वास्थ्य विभाग तो पिछले साल जैसे होंगे हालपिछले साल डेंगू अपने चरम पर था। 1400 से अधिक मरीज सामने आए थे। इसके अलावा हजारों मरीज प्राइवेट अस्पतालों मं भर्ती हुए थे जिनका कोई डाटा स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध नही है। जानकारों का कहना है कि अभी से स्वास्थ्य विभाग नही जागा तो हालात पिछले साल की तरह हो सकते हैं। विभाग को ब्लड डोनेट करने वाली संस्थाओं से संपर्क करना होगा। ब्लड बैंकों में पर्याप्त मांत्रा में स्टाक रहेगा तो तत्काल प्लेटलेट उपलब्ध कराया जा सकेगा।दो दिन बाद जांच की सलाह दे रहे डॉक्टर्स
उधर बुखार के मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से डॉक्टर्स मरीजों को जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर दो दिन से अधिक बुखार रहता है तो तत्काल डेंगू की जांच कराएं। क्योंकि इस सीजन में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के फैलने के आसार बढ़ रहे हैं। ऐसे में अधिक समय तक बुखार रहना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कभी कभी यह जानलेवा भी हो जाता है। लोगों को ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हाल ही में संस्था से ब्लड डोनेशन कराया गया है। दूसरे अस्पतालों के मरीज भी हमारे यहां ब्लड लेने आ रहे हैं। नौ से दस यूनिट प्लेटलेट की रोजाना मांग हो रही है। डॉ। राजेश कुमार, अधीक्षक, काल्विन अस्पतालअभी चिंता की बात नही है। जहां मरीज मिल रहे हैं वहां दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। मेरा इतना ही कहना है कि लोग जागरुक हो जाएं तो डेंगू को बढऩे से रोका जा सकता है। छह मरीजों का पता गलत होने से उनका पता लगाया जा रहा है।आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज