न जाने किस गम के मारे ने ऐसे दे दी जान
प्रयागराज (ब्यूरो)। यूं तो मरना सभी को है, पर कोई इस तरह भी जान देता है क्या। न जाने किस गम के मारे ने ऐसे जान दे दी। जिसने भी पुल की रेलिंग से बंधे रस्सी के फंदे पर लटकते अधेड़ के शव देख उसके मुंह से यही निकला। बुधवार को एक अधेड़ ने खुद को मारने के लिए जो तरीका अपनाया वो बेहद चौकाने वाला था। बड़ी बात तो ये कि उसके पास कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिससे उसकी शिनाख्त हो पाती। देरशाम तक शव की शिनाख्त कराने के लिए पुलिस परेशान रही मगर नतीजा सिफर रहा।
पूरी तैयारी से पहुंचा था
बुधवार को करीब नौ बजे सुबह झूंसी पुल पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। एक करीब पचास वर्षीय व्यक्ति का शव पुल की रेलिंग पर बंधी रस्सी के सहारे लटक रहा था। गले में फांसी का फंदा था। शव हवा में झूल रहा था। लोगों की निगाह पड़ी तो पुलिस को सूचना हुई। तब तक काफी भीड़ जुट चुकी थी। दारागंज इंस्पेक्टर आशीष कुमार भदौरिया मौके पर पहुंचे। शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया। अधेड़ के कपड़ों की जेब की तलाशी ली गई। उसमें कुछ रुपये मिले। न मोबाइल मिला और न ही कोई ऐसी चीज जिससे उसकी पहचान हो पाती।
ऐसे फांसी लगाना छोड़ गया कई सवाल
अधेड़ ने खुद को मारने के लिए पुल की रेलिंग पर फांसी क्यों लगाई। जबकि वह खुद को ऐसी जगह भी मार सकता था जिससे उसके शव का भी पता नहीं चलता।
आखिर उसकी जेब में शिनाख्त के लिए कोई चीज क्यों नहीं मिली। वह किससे अपनी पहचान छिपाना चाहता था।
वह किससे इतना नाराज था कि खुद को उसने ऐसी जगह मारा कि जब उसे मौत का पता चले तो उसके रोंगटे खड़े हो जाएं।
जब वह अपनी पहचान छिपाना चाहता था तो खुली जगह पर फांसी क्यों लगाई।
घटना को लेकर तमाम बातें सामने आ रही हैं। शिनाख्त के लिए कोई चीज न मिलने से एक मामला अधेड़ की हत्या का भी बन रहा है। मगर ऐसी कोई शिकायत दारागंज पुलिस के पास नहीं पहुंची है। ऐसे में पुलिस भी अभी घटना को फांसी मान रही है। क्योंकि जब तक शिनाख्त नहीं होगी तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सकता है। ऐसे में अभी पुलिस शिनाख्त होने का इंतजार कर रही है।
शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया है। कोई चीज ऐसी नहीं मिली है जिससे मृतक की पहचान हो सके। पुलिस अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रही है। पहचान होने के बाद ही पता चलेगा कि एक्युअल घटना क्या है और क्यों हुई है।
आशीष सिंह भदौरिया, एसओ दारागंज