नदी के जलस्तर पर न जाएं गड्ढे जानलेवा है
प्रयागराज (ब्यूरो)। इस वर्ष जनवरी से अब तक जिले के अंदर गंगा और संगम में डूबने की गई घटनाएं हुईं। जिले के विभिन्न घाटों पर 26 लोगों की नादानी जान की दुश्मन बन गई। नदी में अठखेलियां करते वक्त कब पानी डूबने लगे इन्हें इस बात का अहसास तक नहीं हुआ। मौत के मुंह से सुरक्षित बचाए गए 22 लोगों ने गोताखोर व नाविकों को नदी में डूबने की जो वह बताई वह चौंकाने वाली है। गोताखोर व नाविकों की मानें तो बचाए गए लोगों द्वारा उन्हें बताया गया कि कदम बढ़ाते ही वह पानी के अंदर जैसे गड्ढे में चले गए हों। उन्हें इतना भी संभलने का मौका नहीं मिला कि पांव को पीछे खींच सकें। जल पुलिस के जवान कहते हैं कि बचाए गए लोगों की इन बातों पर गौर करें नदी में पानी के अंदर जगह-जगह जान लेवा गड्ढे हैं। श्रद्धालुओं को स्नान के लिए चेक करके संगम में क्षेत्र निर्धारित किए जाते हैं। खींची गई सीमा रेखा को पार करते ही खतरा बढ़ जाता है। कहते हैं कि संगम में एक कदम पीछे पानी के अंदर जमीन समतल तो कदम बढ़ाते ही कई फिट गहराई मिल जाती है। यही वजह है कि संगम व गंगा घाटों पर मौजूद मौजूद नाविक व गोताखोर लोगों को गहरे पानी की तरफ जाने से मना करते हैं। बावजूद इसके खतरे से अनजान युवा वर्ग बातों को अनसुना कर खतरे को मोल ले लेते हैं।
स्नान के वक्त इन बातों पर दें ध्यान
- नदी के घाट पर पानी कम देखकर गहराई में जाने की भूल न करें
- संगम में की गई बैरिकेटिंग के दायरे में ही स्नान करें, उसे उससे आगे नजाएं
- नाविकों व गोताखोरों की सलाह पर गौर करें और उसका पालन जरूर करें
- जिस घाट पर नाविक या गोताखोर नहीं रहते वहां पर स्नान करने से बचें
- किसी स्वीमिंगपूल की तरह नदियों में कभी छलांग लगाकर नहीं कूदें
- नदी में स्नान के लिए उतरते वक्त एक पांव को धीरे से आगे बढ़ाएं
- यदि जमीन पांव पर टच होती तो धीरे-धीरे उस दूसरे पांव को आगे बढ़ाएं
- पानी में पांव बढ़ाने पर गहराई यदि समझ आए तो सतर्क होकर पीछे लौटें
- घाट पर भीड़भाड़ वाली जगह पर ही स्नान करें जहां पर लोग स्नान कर रहे हों
- यदि डूबने लगें तो पेट के बल लेटने की कोशिश करें और हाथ पांव चलाएं
स्नान करते वक्त लोगों को कुछ बातों पर विशेष गौर करना चाहिए। कुछ ऐसी बातें हैं जिस पर यदि लोग गौर करें तो वह डूबने से बच सकते हैं। पानी में ताकत का नहीं, दिमाग का प्रयोग करना चाहिए। बचाए गए लोगों से पूछने पर कई दफा पता चला कि कदम बढ़ाते ही मानों वे गड्ढे में चले गए हों। पानी के अंदर कहां क्या है यह दिखाई नहीं देता। इस लिए सतर्कता से ही स्नान करें।
कड़ेदीन यादव, प्रभारी जल पुलिस