डोंट गिव अप, डटकर करिए हार्ट अटैक का सामना
प्रयागराज ब्यूरो । गुरुवार को दरोगा राजेश पाठक की एक्सरसाइज करने के दौरान हार्ट अटैक से डेथ हो गई। इसी तरह महज चौबीस घंटे के भीतर हेड कांस्टेबल नंदलाल समेत कुल पांच लोग कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गए। हार्ट अटैक से लगातार हो रही मौतों को लेकर खुद डॉक्टर्स भी चिंता कर रहे हैं। उनका कहना है कि ठंड के मौसम की तरह भीषण गर्मी में भी दिल के दौरे पडऩे का सिलसिला थम नहीं
रहा है। हालांकि हार्ट अटैक पडऩे की आपात स्थिति में लोग शुरुआती लक्षणों को पहचान लें तो उनकी जान बच सकती है।
खुद को रखें तैयार, मत बने लाचार
सोचिए आपको दिल का दौरा पड़ा है और इस दौरान अकेले हैं तो सिचुएशन को कैसे हैंडल करेंगे। इसके लिए पहले से खुद को तैयार रखना होगा। ताकि आपात स्थिति में फास्ट डायलिंग में जाकर अपने मोबाइल फोन से 112, 102 (एम्बुलेंस के लिए) या 108 नंबर पर कॉलिंग कर सकें। निजी एंबुलेंस के नंबर को भी सेव रखें। पता होना चाहिए कि नजदीक में ऐसा कौन सा अस्पताल है जहां हार्ट अटैक के मामलों में तत्काल इलाज मिल सकता है। यह नंबर फास्ट डायलिंग में हमेशा मौ्रजूद रहने चाहिए।
इन लक्षणों से रहिए होशियार
- बेहोशी आना, सीने में बेचैनी या दर्द शामिल है जो हाथ, गर्दन, पीठ, जबड़े, दांतों और नाभि तक फैल सकता है, सांस की तकलीफ या सीने में दर्द के बिना, मतली, उल्टी, हल्कापन, या ठंडा पसीना, सामान्य श्वास की अनुपस्थिति या हांफना और हृदय की धड़कन का पता न लगना। कभी भी इन लक्षणों को नजर अंदाज नही करना चाहिए। तत्काल डॉक्टर से सलाह लें।
इन चीजों को करें फॉलो
- हार्ट अटैक के दौरान अगर मरीज के साथ लोग मौजूद हैं तो घबराने के बजाय कुछ चीजों को फॉलो करें। एंबुलेंस आने और अस्पताल जाने तक आइए जानते हैं क्या करें-
- गोल्डन आवर्स में मरीज को चलने, बैठने, पीने या खाने को न दें। तुरंत उसकी नब्ज की जांच करें। यदि वे सांस नहीं ले रहे हैं या बेहोश हैं, तो सीपीआर प्रक्रिया अपनाएं, जो जीवन रक्षक हो सकती है।
- अपने दोनों हाथों से मरीज के सीने के बीचों बीच जोर जोर से दबाएं। ऐसा लगातार करते रहें।
- मरीज को जानबूझकर गहरी सांसें लेनी चाहिए, जोर जोर से खांसना चाहिए, खुद को घबराने के बजाए केंद्रित करना होगा और आत्मबल को एकत्र कर परिस्थिति का सामना करना होगा।
- मरीज के साथ भावनात्मक रिश्ता कायम करें। धीरे धीरे वह ठीक होगा। उसके सामने शांत रहने की कोशिश करें।
- सीधे लेट जाएं और पैरों को दो तकियों के सहारे ऊपर उठाएं।
- यदि आप होश में हैं, तो एस्पिरिन को चबाएं और निगल लें (जब तक कि आपको इससे एलर्जी न हो), यह दिल के दौरे की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। अगर एस्पिरिन ली गई है तो पैरामेडिक्स को सूचित किया जाना चाहिए।
- अगर परिवार में किसी को हार्ट की प्राब्लम है तो बाकी लोगों को अपना ध्यान रखना होगा।
- हार्ट की नसों में खून के प्रवाह को तेज बनाए रखने के लिए सॉर्बिट्रेट की एक खुराक दी जानी चाहिए। बीपी लो की शिकायत है तो इसे देने से बचना चाहिए।
अपने दिल को ऐसे बनाएं मजबूत
बेहतर हृदय स्वास्थ्य सुनिश्चित करें
- तैराकी और योग जैसी नियमित शारीरिक गतिविधियों और सप्ताह में पांच बार कम से कम 30 मिनट के लिए तेज चलने जैसे एरोबिक व्यायाम में व्यस्त रहें।
- फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दालों, फलियों, प्रोटीन आदि का खानपान में सेवन करें। कैलोरी और फैटी चीजों का सेवन कम करें।
- तंबाकू और शराब के सेवन से बचें।
- भरपूर नींद लेना चाहिए और तनाव से दूरी बनाए रखें।
- समय समय पर ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल और डायबिटीज की जांच कराते रहना चाहिए।
- हर छह महीने में नियमित कार्डियक स्क्रीनिंग कराना चाहिए। बीस साल की उम्र से यह परीक्षण शुरू किया जा सकता है।
दिल के लिए डिहाइड्रेशन है खतरनाक
इस समय तापमान 45 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में तेज धूप में शरीर का पानी पसीने के रूप में बह जाता है। शरीर में पानी की कमी होने पर डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में खून गाढ़ा होने लगता है और दिल पर प्रेशर पडऩे से हार्ट अटैक पडऩे लगता है। 24 घंटे में ऐसे पांच मामले सामने आ चुके हैं।
कोरोना संक्रमित रहें होशियार
पूर्व में जिन्हे कोरोना हो चुका है उनको भी होशियार रहना होगा। क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान खून का गाढ़ा होना आम बात थी। ऐसे में ्रभीषण गर्मी इस काम्बिनेशन को शरीर के लिए घातक बना सकती है। डॉक्टर्स भी कहते हैं कि ऐसे लोगों को भी होशियार रहना होगा। क्योंकि गर्मी में अगर सिचुएशन खराब हुई तो अंजाम भुगतना पड़ सकता है। जो कि सेहत के लिए ठीक नही होगा।
गर्मी में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से आई है। रोजाना आठ से दस मामले दस्तक दे रहे हैं। इसलिए हमेशा होशियार रहना है। अगर लक्षण दिख रहे हैं तो तत्काल खुद को सेफ जोन में रखिए और इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें। जब तक मदद न आए खुद को संयमित रखना जरूरी है। सीपीआर को भी फॉलो कर सकते हैं।
डॉ। मो। शाहिद, कार्डियोलाजिस्ट, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज