- होम आइसोलेशन में लोग परेशान, नहीं

मिल रहा खाने का स्वाद

- तीखी गंध से भी टूटा नाता, दवाओं के लिए डॉक्टर्स को कर रहे फोन

प्रयागराज- हॉस्पिटल में लोग सांस के लिए लड़ रहे हैँ तो होम आइसोलेशन में रहने वाले स्वाद और गंध गायब होने से चिंतित हो रहे हैं। बता दें कि यह सभी कोरोना के मुख्य लक्षण हैं और भारी संख्या में मरीजों को इसका सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि स्वाद और गंध के सामान्य होने में दो से तीन दिन का समय लगता है। इसलिए चिंता की बात नही है। बावजूद इसके लोग परेशान होकर डॉक्टर्स को कॉल कर रहे हैं।

कब प्रकट होते हैं लक्षण

आमतौर पर कोरोना पाजिटिव होने के तीसरे या चौथे दिन गंध और स्वाद गायब होने लगता है। गंभीर मरीजों इन लक्षणों का लोग ध्यान नही देते लेकिन कोविड के सामान्य मरीजों में यह लक्षण सिरदर्द बन जाते हैं। इसके बाद उन्हे न तो मीठे का पता चलता है और न ही कड़ुवे का। शुरुआत में लोगों को पता नही चलता लेकिन बाद में उन्हे इन लक्षणों का अहसास हो जाता है। यह लक्षण तीन से चार दिन तक पड़े रहते हैं।

क्यों होती है दिक्कत

कोविड संक्रमण की वजह से मरीज की नाक पूरी तरह जाम हो जाती है। ऐसे में वह सांस तो ले पाता है लेकिन उसे गंध महसूस नही होती। इसी तरह यह वायरस तंत्रिका तंत्र पर भी हमला करता है। इसकी वजह से मरीज को स्वाद का पता नही चलता है। जीभ के रिसेप्टर्स स्वाद को तंत्रिकाओं के माध्यम से ब्रेन तक नही पहुंचा पाते हैं। मरीज के लिए यह पल काफी तनाव भरे रहते हैं।

आयुर्वेद और होमियोपैथी में है इलाज

डॉक्टर्स का कहना है कि इस परेशानी का इलाज योग के अलावा होमियोपैथी और आयुर्वेद दोनों में हो सकता है। बशर्ते लोग परेशान होने के बजाय धैर्य से काम लें। योग क्रिया में जल नेति जरिए गंध को वापस पाया जा सकता है। जल नेति करने के लिए सुबह एक टोटी दार लोटे मे गुनगुने जल मे सेंधा नमक मिला ले फिर नासिका को अच्छे से साफ करके लोटे की टोटी को नासिका के बांए छिद्र में लगाकर सिर को दाएं और झुका कर रखने से दायीं नासिका से पानी बाहर निकल जाता है। लोटे का जल खत्म होने के पश्चात ए ही क्रिया दाएं नासिका से भी करे। इस प्रकार नासिका की क्लीजिंग हो जाने से नासिका के अन्दर का क्रस्ट बाहर निकल जाता है और हमारी सूंघने की क्षमता वापस लौट आती है।

59 फीसदी को होती है समस्या

एक रिसर्च के मुताबिक कोविड से ग्रस्त मरीजों में 59 फीसदी को स्वाद और गंध जान की शिकायत होती है। लेकिन यह तत्कालिक होती है। वहीं 28 फीसदी को सांस लेने तकलीफ की परेशानी होती है। इसी तरह अन्य लक्षण भी हैं जो उभरकर सामने आ जाते हैं। अन्य गंभीर लक्षणों में खांसी का अधिक आना और तेज बुखार भी शामिल है। डॉक्टर्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नही है। लक्षण सामने आने पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

चिंता की बात नही है .स्वाद और गंध जाने पर आयुर्वेद में तमाम इलाज शामिल है। लोगों को काढ़ा पीना चाहिए। सोंठ, तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय आदि का सेवन करें। इससे स्वाद और गंध तत्काल वापस आ जाते हैं।

डॉ। संजय त्रिपाठी, त्रिपाठी, सरयू हॉस्पिटल झूसंी

अगर मुंह का स्वाद और गंध चली गई है तो चिंता मत करें। होमियोपैथी में मैग म्योर 30 और नेटरम म्योर 30 का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें। 24 से 48 घंटे में दवाओं का असर दिखने लगेगा।

डॉ। डीके मिश्रा, होमियोपैथी फिजिशियन नैनी

Posted By: Inextlive