कहां है कितने बेड

एसआरएन हॉस्पिटल- 220

बेली हॉस्पिटल- 130

रेलवे हॉस्पिटल- 100

यूनानी हॉस्पिटल- 100

कोटवा हॉस्पिटल- 60

कालिंदीपुरम आवास योजना- 400

कुल उपलब्ध बेड- 1010 बेड

- बेली अस्पताल में कोरोना पेशेंट को एडमिट करना हुआ शुरू, पहले दिन 11 को किया गया एडमिट

- लागू होने जा रही पुरानी सुविधाएं, रेलवे और कोटवा हॉस्पिटल का भी है नंबर

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नए कोविड हॉस्पिटल्स संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि पुरानी व्यवस्था जल्द लागू होगी। मरीजों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बता दें कि लास्ट ईयर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कुल आधा दर्जन सरकारी हॉस्पिटल्स मौजूद थे। इनमें पर्याप्त संख्या में बेड भी मौजूद थे।

बेली के बाद रेलवे फिर कोटवा

इस साल कोरोना के दस्तक देते ही मरीजों को एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती किया जाने लगा। 220 बेड के इस हास्पिटल में इस समय 145 मरीज भर्ती हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कम गंभीर लेवल टू मरीजों के लिए बेली हॉस्पिटल को रविवार से खोल दिया। यहां पर 130 बेड मौजूद हैं। अब विभाग का कहना है कि रेलवे और फिर कोटवा हॉस्पिटल को संचालित किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो बाकी यूनानी और कालिंदीपुरम आवास योजना में भी मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इस तरह से पर्याप्त बेड उपलब्ध हेा जाएंगे।

जरूरत पड़ी तो हायर होंगे प्राइवेट

फिलहाल तो सरकारी हॉस्पिटल्स से काम चल सकता है। लेकिन जरूरत पड़ी तो शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स को भी कोरोना के इलाज के लिए हायर किया जाएगा। लास्ट ईयर 100-100 बेड के श्रीसाईनाथ वात्सल्य कोविड हॉस्पिटल और यूनाइटेड मेडिसिटी में कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया था। इस बार भी जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग किसी हॉस्पिटल का चयन कर सकता है।

कैसे मरीज के लिए कैसा हॉस्पिटल

- कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए (लेवल थ्री)- एसआरएन हॉस्पिटल

- कम गंभीर मरीजों के लिए (लेवल टू)- बेली हॉस्पिटल

- बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए- होम आइसोलेशन

- (इसके अलावा रेलवे हॉस्पिटल भी लेवल टू हॉस्पिटल है, जबकि कालिंदीपुरम, यूनानी और कोटवा हॉस्पिटल लेवल वन हॉस्पिटल होंगे )

11 मरीज हुए भर्ती, 15 का इंतजार

उधर बेली हॉस्पिटल को रविवार से लेवल टू मरीजों के लिए खोल दिया गया। यहां पहले दिन 11 कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया है। इसके अलावा 15 मरीजों को एसआरएन हॉस्पिटल से यहां शिफ्ट किया जाएगा। सभी को अलग-अलग वार्ड में रखा गया है। अधीक्षक डॉ। एमके अखौरी ने बताया कि हमारे पास कुल 130 बेड मौजूद हैं। जरूरत पड़ी तो इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। साथ ही 19 बेड वेंटीलेटर के साथ मौजूद हैं।

बेड बढ़ाने का आप्शन मौजूद

इसके अलावा तमाम हॉस्पिटल्स में जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाने की सुविधा भी मौजूद हैं। अधिकारियों का कहना है कि लगभग सभी हॉस्पिटल्स में बेड बढ़ने की गुंजाइश है। इसके लिए भी तैयारियां कर ली गई हैं। कुल मिलाकर किसी भी मरीजों को भर्ती होने के लिए भटकना नही होगा।

होम आइसोलेशन में 80 फीसदी

सबसे अहम बात यह कि लास्ट ईयर कुल पाए गए पाजिटिव मरीजों में होम आइसोलेशन जाने वालों का परसेंट 80 से अधिक रहा है। यह संतुष्टि की बात है। ऐसे जो लोग घर पर रहकर ठीक हुए उनका प्रतिशत 99.90 रहा। ऐसे में इस बार भी कोरोना बढ़ा तो होम आइसोलेशन बड़ा सहारा बनकर उभर सकता है। इसको लेकर अधिकारी आश्वस्त है। काउंसिलिंग में बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर रहने की इजाजत दी जा रही है।

अभी हमने बेली को कोरोना पेशेंट के लिए खोल दिया है। एसआरएन पहले से संचालित हो रहा है। जरूरत पड़ी तो रेलवे और फिर कोटवा भी शुरू होगा। हमारे पास कालिंदीपुरम भी मौजूद है लेकिन उसका उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।

डॉ। एके तिवारी, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive