ओपेन में मत करिए मालिश, वरना बीमार हो जाएगा बच्चा
प्रयागराज (ब्यूरो)। तापमान लगातार निचले स्तर पर बना हुआ है, ऐसे में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को स्पेशल केयर की जरूरत है। लापरवाही बरतने पर वह निमोनिया के शिकार हैं। ऐसे में इन बच्चों को इलाज के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। चिल्ड्रेन अस्पताल में रोजाना दो दर्जन से अधिक बच्चे निमोनिया के शिकार होकर पहुंच रहे हैं। सीरियस बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। इनमें सबसे बड़ा कारण खुले में बच्चों की मालिश बना हुआ है। इससे वह बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
बंद कमरे में मालिश जरूरी
डॉक्टर्स का कहना है कि हमेशा बच्चो की बंद कमरे में मालिश की जानी चाहिए। इससे वह हमेशा स्वस्थ रहते हैं। वह निमोनिया के शिकार नही होते हैं। निमोनिया एक छाती या फेफड़े में होने वाला सक्रमण है जो तेजी से फैलता है और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। डॉक्टर्स का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को खुले मं नहलाने और मालिश करने से होती है। माता पिता समझ नही पाते और बच्चे ठंड लगने से निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं।
क्या है निमोनिया के कारण
- जिन बच्चों के जन्म के समय जरूरी टीके नही लगते उन्हें अधिक समस्या होती है।
- अधिकतर मामले वायरस या बैक्टीरिया संक्रमण से होते हैं।
- बच्चे की सांस की नली में रुकावट होने से भी निमोनिया होने के चांसेज बन जाते हैं।
- जिन बच्चों का जन्म के समय वजन सामान्य से कम होता है उनको निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है।
- सबसे बड़ा कारण ठंड का एक्सपोजर है। बच्चों को खुले में मालिश या स्नान कराने के अलावा भरपूर गर्म कपड़े नही पहनाने से समस्या हो जाती है।
लक्षण
- तेज बुखार आना।
- पसीना आना या अधिक ठंड लगना।
- नाखून या होठों का नीला पडऩा।
- बच्चे की पसली चलना या सांस लेने में दिक्कत होना।
- उसका दूध पीने के बाद उसे उलट देना।
- थकान, सिर में दर्द या सूखी खांसी होना निमोनिया का लक्षण है।
- नाक में कफ जमना, भूख कम लगना या लो एनर्जी महसूस करना।
बचाव
- बच्चों को ऐस लोगों से दूर रखें जो किसी प्रकार के संकक्रमण के शिकार हों।
- बच्चे की साफ सफाई पर ध्यान दें और अधिक से अधिक मां का दूध पिलाएं।
- अधिक धुएं की वाली जगह पर बच्चे को मत ले जाएं। इससे उसको सांस लेने में समस्या हो सकती है।
- बच्चे को समय से निमोनिया का टीका लगवाएं। बूस्टर डोज भी लगवाएं।
डॉ। संजय त्रिपाठी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट खासकर जो बच्चे पांच साल से कम उम्र के हैं उनकी केयर करना बेहद जरूरी है। उनको समय से टीके लगवाए जाएं और किसी संक्रमित व्यक्ति से उनको दूर रखा जाए। ऐसा करने से वह निमोनिया सहित दूसरे इंफेक्शन से बचे रहेंगे।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन