बगैर इंडिकेटर न चेंज करें लेन
प्रयागराज ब्यूरो । यह सब देखते हुए अब विभाग इन कैमरों को अपडेट करने जा रहा है। अपडेशन का काम पूरा होने के बाद तीन और नियमों को तोडऩे पर गाडिय़ों का चालान जरिए कैमरा हो जाएगा और इस बात की भनक तक नहीं लेगी।
बरतें सावधानी, नहीं तो होगा चालान
इन नियमों में पहला चौराहे के पास लेन वायलेशन यानी बगैर इंडिकेटर दिए एक से दूरे लेन पर गाड़ी के जाते ही कैमरा चालान कर देगा।
इंडिकेटर चौराहे पर पहुंचने से पहले वह ग्रीन सिग्नल मिलने की दशा में देगा होगा। दूसरा यदि बाइक पर ट्रिपल सवारी हैं तब भी इस कैमरे से चालान हो जाएगा, जबकि अभी तक ट्रिपल सवारी पर कैमरे से चालान नहीं हो रहा था।
इसी तरह सिग्नल रेट होने पर यदि जेब्रा लाइन के पहले बाईं तरफ की रोड को रेछ कर चौराहे पर खड़े हुए तब भी कैमरा आटोमेटिक चालान कर देगा।
मतलब यह कि रेड लाइन होने की दशा में आप को बाईं तरफ की सड़क को छोड़कर गाड़ी लगाना होगा।
ताकि जाम की स्थिति नहीं बने और एम्बुलेंस या फिर जिसे चौराहे से बाएं जाना हो वह बगैर रुके अपना सफर पूरा कर सके। कैमरे के जरिए अब उन गाडिय़ों के भी चालान होंगे जिनके नंबर प्लेट पर स्टाइलिस नंबर लिखे होंगे।
अफसरों के मुताबिक जिन गाडिय़ों के मालिक या चालक आटोमेटिक कैमरे से चालान बचने के लिए नंबर प्लेट हटा दिए हैं या एक नंबर गलत लिखा रखे हैं, उनके चालान चौराहों पर ड्यूटी के दौरान ट्रैफिक व पुलिस के जवान फिजिकल करेंगे।
चौराहों पर कैमरे से अभी तक कई नियमों को तोडऩे पर चालान नहीं हो रहा था। सिर्फ नो हेलमेट और रेड लाइन होने पर जेब्रा लाइन क्रास करने की दशा में कैमरे से चालान होता था। बहुत जल्द तीन और नियमों के उल्लंघन पर कैमरे से चालान शुरू हो जाएगा। इसके लिए इन कैमरों को अपडेट किया जाएगा।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज
माघ मेला के लिए अलग ट्रैफिक प्लान
माघ मेला के लिए अधिकारियों द्वारा अलग ट्रैफिक प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए दो दिन पूर्व हुई अफसरों की बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं। शीर्ष अफसरों के द्वारा ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का रूट सर्वे व ट्रैफिक प्रेशर एवं मैनेजमेंट प्लान बनाकर देने के निर्देश दिए हैं। अब ट्रैफिक पुलिस के अफसर माघ मेला के लिए प्लान बनाना शुरू कर दिए हैं। भीड़ के आने व स्नान बाद शहर से बाहर निकालने की गुणा-गणित तेज हो गई है। मेला क्षेत्र से लेकर शहरी इलाकों में भी वाहन पार्किंग के प्रबंध किए जाएंगे। सर्वे बाद आवश्यकतानुसार चौराहों व सड़कों पर बैरियर भी लगाए जाएंगे। सिटी में बैरियर की संख्या कम आंकी जा रही है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के थानों से बैरियर मंगाए जाएंगे।