डीएम ने पूछा, क्यों नहीं होता समस्याओं का समाधान
प्रयागराज ब्यूरो । शनिवार को जिले की तहसीलों पर आयोजित समाधान दिवस पर अपनी समस्या लेकर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। संयोग यह रहा कि ज्यादातर फरियादियों को अपनी समस्या का समाधान नहीं मिला। समस्याओं का समाधान न मिलने की शिकायत बारा थाने में पहुंची तो डीएम नवनीत सिंह का पारा गरम हो गया। उन्होंने जिम्मेदारों से पूछ लिया कि आखिर क्यों नहीं मिल रहा है समाधान? इसका जवाब कोई नहीं दे सका। जमीन का विवाद बताकर उन्होंने अपनी जान छुड़ाने की कोशिश जरूर की। मेजा में समाधान दिवस के मौके पर वकील एसडीएम की कार्यशैली से नाराज हो गए और उनके खिलाफ प्रदर्शन किया।
बारा प्रतिनिधि के अनुसार तहसील सभागार में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के आने की सूचना पर फरियादियों की जुटी भारी भीड़। दोपहर करीब दो बजे डीएम पहुंचे तो लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई। लगभग आधा घंटे तक फरियादियों की समस्याओं को सुना। अधिकारियों की फटकार लगाई कि समस्याओं का समाधान क्यों नहीं होता। उन्होंने समस्याओं का गुणवत्ता पूर्वक समाधान के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया। समाधान दिवस पर भारतीय किसान यूनियन भानू के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पूजा मिश्रा आदि कार्यकर्ताओं ने पीपीजीसीएल कंपनी के सीएसआर द्वारा कराए जा रहे सामाजिक कार्यों में भूख और कुपोषण को खत्म करने, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधारने, शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने, ओवरलोड गाडिय़ों को पास न कराए जाने, टोल प्लाजा कर्मचारियों के रवैये पर लगाम लगाने आदि से संबंधित ज्ञापन दिया। फरियादियों ने कम समय में कुल 179 शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। मौके पर एक शिकायती पत्र का निस्तारण हुआ। एसडीएम बारा सूदन अब्दुल्लाह, तहसीलदार गणेश सिंह, नायब तहसीलदार राकेश कुमार यादव, एसीपी बारा संतोष सिंह जसरा बीडीओ अनीस अहमद व शंकरगढ़ के बीडीओ विजय कुमार आदि मौजूद रहे।
एसडीएम से नाराज
मेजा रोड प्रतिनिधि के अुनसार शनिवार को मेजा में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में मेजा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र द्विवेदी और मंत्री चंद्रमणि शुक्ल के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने एसडीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया। इससे कुछ समय के लिए कार्य बाधित रहा। अधिवक्ताओं का आरोप था कि एसडीएम जयजीत कौर मिश्रा धारा 76, 38, 80 और धारा 116 मामले में निर्णय नहीं ले पा रही हैं। इसके अलावा कई अन्य मामले को लेकर अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) जे पी सिंह के पास पहुंचे। एडीएम के एनटीपीसी चले जाने पर अधिवक्ता भड़क गये। एसडीएम ने मामले को सामंजस्य के तहत कार्य करने की बात कही, तब जाकर अधिवक्ता शांत हुए। संपूर्ण कार्यवाही एसडीएम और एसीपी मेजा विमल किशोर मिश्र की अध्यक्षता में हुई। कुल 182 शिकायतें दर्ज हुई जिसमें राजस्व से 84, पुलिस से 37, विकास से 26, समाज कल्याण से 10, शिक्षा से एक और अन्य से 23 मामले रहे। सभी मामलों में संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह में निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया गया। एसडीएम ने अनुपस्थित अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की। नायब तहसीलदार अनुग्रह नारायण सिंह, राजेंद्र प्रसाद सिंह, बीडीओ उरुवा, एडीओ (समाज) मेजा सुशांतु पांडेय आदि मौजूद रहे।
219 में सात का मौके पर निस्तारण
फूलपुर प्रतिनिधि के अनुसार तहसील सभागार में तहसीलदार राजेश कुमार पाल की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 219 शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए। उसमें से राजस्व से जुड़े सात प्रार्थना पत्रों का मौके पर निस्तारण किया गया। सर्वाधिक 119 मामले राजस्व विभाग से जुड़े रहे। विकास के 24, पुलिस के 50, आपूर्ति के छह, विद्युत के आठ, चकबंदी के तीन, नलकूप व सिंचाई के दो-दो, लोक निर्माण विभाग के एक मामले आए। नायब तहसीलदार देवेंद्र प्रताप सिंह, धनंजय यादव, आपूर्ति निरीक्षक अमित कुमार चौधरी, एसडीओ विद्युत फूलपुर प्रांजल मिश्र, एसडीओ विद्युत झूंसी पीके सिंह, वन क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार, एडीओ पंचायत गुलाबचंद पांडेय आदि मौजूद रहे।