केस दर्ज होने में फंसा डीएम के आदेश का पेंच
प्रयागराज ब्यूरो । बता दें कि मीरा देवी मेजा ब्लॉक मे नियमित सीडीपीओ न होने के कारण प्रभारी सीडीपीओ के रूप मे कार्य देख रही हैं। शुक्रवार को किसी ने कोराव पुलिस को सूचना दे दी कि प्रभारी सीडीपीओ मीरा अमुक बस से एक बोरी पोषाहार लेकर अपने घर राजपुर कोरांव जा रही हैं। बस के कोरांव पहुंचते ही मीरा को पोषाहार सहित पकड़कर थाने लाया गया। जानकारी जिले के प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी विमल कुमार चौबे ने सीडीओ शिपू गिरी को दे दी। उनके आदेश पर प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी विमल कुमार चौबे शनिवार देर शाम तहरीर लेकर कोरांव थाने पहुंचे।
केस दर्ज किए जाने का ड्रामा
प्रभारी डीपीओ प्रयागराज द्वारा तहरीर दिए जाने के बाद इंस्पेक्टर ने हेड मोहर्रिर को 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा लिखने का निर्देश दिया। लेकिन कुछ देर बाद हेड मोहर्रिर ने डीएम और एसएसपी के लिखित आदेश की बात कहकर इंस्पेक्टर को तहरीर लौटा दिया। उसने बताया कि जब तक डीएम और एसएसपी का आदेश नही मिलता मुकदमा दर्ज नही होगा। घंटे भर चले इस नाटक का पटाक्षेप तब हुआ जब प्रभारी डीपीओ प्रयागराज विमल कुमार चौबे बिना केस दर्ज कराए डीएम और एसएसपी के आदेश के लिए जिला मुख्यालय वापस लौट गए।
उड़ा आरोपित के चेहरे का रंग
प्रभारी डीपीओ प्रयागराज जैसे ही थाने पर पहुंचे उन्होंने आरोपित महिला और कोरांव पुलिस की मौजूदगी में बोरी खुलवाई। कपिला पशु आहार की बोरी के अंदर पुष्टाहार की बंद बोरी मिली। उसे जैसे ही खोला गया वितरण के लिए भेजी जाने वाली दलिया के पैकेट निकलने लगे। जिसे देखकर आरोपित महिला के चेहरे का रंग उड़ गया।