सरकारी कर्मचारियों को ही बनाया जाय परीक्षा के दौरान कक्ष निरीक्षकवित्तविहीन विद्यालयों को सेंटर बनाने से भी किया जाय परहेज

प्रयागराज ब्यूरो । प्रतियोगी परीक्षाओं पर 'पेपर लीकÓ के साये से सरकार ही नहीं प्रतियोगी छात्र भी परेशान हैं। वह भी चाहते हैं कि परीक्षा पर कोई दाग न लगे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि पेपर लीक होने से इमानदारी से तैयारी करके इसमें शामिल होने वालों को बड़ा झटका लगता है। उनकी तैयारी प्रभावित होती है और वे एक सदमे जैसी स्थिति झेलने के लिए मजबूर होते हैं। इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए प्रतियोगी छात्रों ने अपनी तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को मेल भेजा है। इसमें परीक्षा की सुचिता को बनाये रखने के लिए तमाम सुझाव दिये गये हैं। उन्होंने पूरी परीक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव की मांग की है और कहा है कि ऐसा करना छात्रों में कांफीडेंस भरने के लिए भी जरूरी है।

प्रतियोगी छात्रों ने दिये सुझाव
सभी प्रारम्भिक / स्क्रीनिंग / बहुविकल्पी आधार पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में कराया जाए।
किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए भर्ती संस्था के मुख्यालय में कमांड सेंटर बनाया जाए।
कमांड सेंटर के पास समस्त परीक्षा केन्द्रों के लाइव सीसीटीवी रिकॉर्डिंग का एक्सेस हो।
परीक्षा केन्द्र की हर गतिविधि को मॉनीटर किया जाय जैसा प्रयोग बिहार लोक सेवा आयोग करता है।
परीक्षा केंद्र प्राथमिकता के आधार पर शहरी क्षेत्र के सरकारी विद्यालय व प्रथम श्रेणी के विद्यालयों को ही बनाया जाए
वित्तविहीन विद्यालय और दूर दराज के विद्यालय को केंद्र न बनाया जाय
पेपर आउट या सॉल्वर बैठाने में वित्तीय विहीन विद्यालयों के प्रबंधकों की भूमिका व्यापक रूप से पाई गई है
नकल रोकने के लिए भर्ती परीक्षा के कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी सरकारी शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों को ही दिया जाए
अभी की व्यवस्था के अनुसार केंद्र व्यवस्थापक किसी भी व्यक्ति को कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी दे देता है। ऐसी परिस्थिति का लाभ उठा कर सॉल्वर गिरोह के गुर्गे भी कक्ष निरीक्षक के रूप में शामिल होकर के परीक्षा को दूषित करते हैं।
कोई भी भर्ती परीक्षा का आयोजन सरकारी संस्था द्वारा या भारती संस्था के कर्मचारियों द्वारा कराया जाए ना कि निजी एजेंसीयों के द्वारा। जब से निजी एजेंसीयों द्वारा परीक्षाओं का आयोजन कराया जा रहा है तब से पेपर आउट ,उत्तर पंजिका बदलना, अंदर से उत्तर भरना जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।
भर्ती परीक्षाओं की गोपनीयता और सुचिता को ध्यान में रखते हुए सभी प्रश्नपत्रों की छपाई सरकारी प्रेस में होनी चाहिए न कि निजी प्रिंटिंग प्रेस में तथा सरकारी वाहन और कर्मचारियों के निगरानी में परीक्षा आयोजित होने वाले जिलों में भेजा जाना चाहिए।
परीक्षा में नकल करवाने के लिए या सॉल्वर बैठाने के लिए धन देने वाले लोगों को भी नकल माफियाओं की तरह कठोर से कठोर दण्ड दिया जाना चाहिए। खासकर ऐसे प्रतियोगी के अभिभावकों को जो नकल माफियाओं या सॉल्वर को पैसा उपलब्ध कराते हैं, अपना चयन करने के लिए।

परीक्षा आयोजन में व्यापक खामी की वजह से लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ होता है। इस प्रक्रिया को वर्तमान समय के अनुकूल बनाया जाए तथा भर्तियों को पारदर्शी तरीके से सूचिता पूर्ण सम्पन्न करा कर भर्ती संस्थाओं से प्रतियोगियों के समाप्त हो चुके विश्वास को बहाल किया जाए। हम अपेक्षा करते हैं कि सरकार इस विषय पर अविलम्ब निर्णय लेगी।
प्रशांत पांडेय
मीडिया प्रभारी, प्रतियोगी छात्र समिति


पेपर लीक पर फूंका बेदीराम का पुतलाफोटो
लगातार हो रहे पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली से नाराज समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ भवन पर जमकर विरोध और नारेबाजी की। साथ ही सुभासपा विधायक बेदीराम का पुतला फूंका जिसका नाम कथित तौर पर कई पेपर लीक की घटनाओं में सामने आया था। एक वीडियो क्लिप भी वायरल हो रही है जिसके आधार पर उन्हें शिक्षा माफिया और पेपर लीक का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। आरोप लगाया कि सुभासपा के साथ गठबंधन होने के कारण प्रदेश सरकार बेदीराम को बचा रही है। इस मौके पर समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियांशु विद्रोही, इकाई अध्यक्ष गौरव गोंड, अनुराग यादव, निखिल सिंह, आशुतोष मौर्य, आलोक तिवारी, इष्टदेव, अनुराग चौरसिया, विकास यादव, विपिन निषाद आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive