आस्था विश्वास व समर्पण का भाव शुक्रवार को हाड़ कंपाने वाली ठंड पर भारी रहा. ओस और ठंड की परवाह किए बगैर बच्चे बूढ़े युवा अधेड़ सभी रेंगते चले आ रहे थे. कुछ खोने की चिंता और पाने की आश से सभी विरक्त नजर आए. चाहत थी तो बस मां गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती की निर्मल जल धारा में डुबकी लगाने की. इसी तरह पहुंचे लोग गंगा मैया की जय बोलते हुए मकर संक्रांति पर्व माघ मेला क्षेत्र में गंगा और संगम घाट पर स्नान किए. सूर्योदय के बाद स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई. शाम तक यहां करीब साढ़े लाख श्रद्धालुओं द्वारा पुण्य की डुबकी लगाई गई. स्नान बाद तमाम श्रद्धालु वापस घर लौट गए. लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के पुण्यकाल पर शनिवार को डुबकी लगाने के लिए मेला क्षेत्र में संत महात्माओं व कल्पवास के लिए आए अपनों के टेंट पर ही रुक गए. श्रद्धालुओं द्वारा कोविड-19 के गाइड लाइन के तहत मास्क का प्रयोग दो गज की बनाई गई दूरी काबिले तारीफ रही.


6.5लाख श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी05सेक्टर में विभाजित है मेला एरिया12स्नान घाट तैयार किये गये हैं05पांटून पुल का निर्माण आवागमन के लिए20मुख्य मार्ग का निर्माण हुआ है चकर्ड प्लेट से190किमी। लम्बी बिछाई गयी है पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन23विद्युत उपकेन्द्र बनाकर हो रही विद्युत आपूर्ति18500स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं मेला क्षेत्र में08पार्किंग स्थल का कराया गया है निर्माण1390सामुदायिक शौचालयों का निर्माण3364कनात शौचालय बनवाये गये1600सफाईकर्मी लगाये गये हैं मेले में50बेड के दो अस्पताल में भर्ती होंगे मरीज12स्वास्थ्य शिविर बनाये गये10 प्राथमिक उपचार केन्द्र बने72घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच लाना जरूरी है कल्पवासी के लिए12सर्विलांस टीमें लगायी गयी हैं6-6
टीमें लगा रहीं कोरोना टीका और कोरोना जांच

प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना के फैलते संक्रमण का भय मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने बिल्कुल नहीं था। मगर इसे लेकर उनमें चिंता व सतर्कता जरूर दिखाई दी। श्रद्धालुओं द्वारा संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला भोर से शुरू हुआ तो शाम तक चलता रहा। संगम के साथ ही भक्तजन रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोत्री शिवाला व फाफामऊ एवं रसूलाबाद घाट पर भी गंगा में स्नान किए। स्नान बाद भगवान सूर्य देव को जल देकर सुख, शांति व अच्छे स्वास्थ्य की कामना किए। इतना ही नहीं, माघ मेला की पवित्र भूमि पर स्नान बाद श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी, काला तिल, गुड़, द्रव्य आदि का तीर्थपुरोहितों को दान किए। यजमानों की भक्ति भावना व दान-पुण्य से गदगद तीर्थपुरोहित उन्हें दिल खोलकर आशीर्वाद देते रहे। तमाम महिलाएं रास्ते भर भजन तो पुरुष जयकारा लगाते रहे। आस्था की ताकत के सामने कोरोना का खौफ दुबका हुआ नजर आया। आज भी लगाएंगे डुबकीमेला क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों की माने तो 14 जनवरी की रात 8.49 बजे सूर्य देव का धनु से मकर राशि में प्रवेश हुआ है। सूर्य के उत्तरायण होने की वजह से मकर संक्रांति का पुण्यकाल शनिवार को पड़ रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से लाखों श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को ही डुबकी लगा लिए। जबकि लाखों श्रद्धालु आज पुण्यकाल में मकर संक्रांति पर स्नान स्नान करेंगे। बताया गया कि शनिवार को स्नान के बाद ही संतों व गृहस्थों का कल्पवास यहां से शुरू होगा।

Posted By: Inextlive