बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ए की खुराक पिलाना जरूरीसात लाख से अधिक बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य्र क्या आपके बच्चे को विटामिन की खुराक मिली? अगर नही तो आज से शुरू होने वाले अभियान का हिस्सा बनकर अपने बच्चे को दवा पिलवाएं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को बीमारी और कमजोरी से बचाने के लिए विटामिन-ए की खुराक जानी है. बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए यह शासन की ओर से बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सात लाख से अधिक बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ए के सम्पूर्ण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है। इसका उद्देश्य बच्चों में विटामिन ए की कमी को दूर करना है। यह अभियान प्रति वर्ष दो बार छह-छह माह के अंतराल पर नियमित टीकाकरण, वीएचएनडी सत्रों पर आयोजित किया जाता है। इस वर्ष शासन के निर्देशानुसार जिले में विटामिन ए संपूर्ण अभियान की तैयारी पूरी कर ली गई है। जनपद की एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्रों में नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का ध्यान रखते हुए बच्चों को खुराक पिलाई जाएगी। अभियान में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें चिकित्सीय सुविधा एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा। अभियान पूरे अगस्त माह में चलाया जाना है।किस उम्र के कितने बच्चे लक्षितउम्र बच्चों की संख्या9 से 12 माह 42285एक से दो साल 159341दो से पांच साल 522692


कुल लक्षित बच्चे- 724318

मानक के आधार पर दी जाएगी खुराक हर उम्र के बच्चें के लिए विटामिन एक की अलग अलग खुराक निर्धारित की गई है। नौ से बारह माह तक के बच्चों को एमआर के प्रथम टीके के साथ आधा चम्मच (एक एमएल), 16 से 24 माह तक के बच्चे को एमआर के दूसरे टीके के साथ पूरा चम्मच (दो एमएल), दो से पांच वर्ष तक के बच्चे को छह-छह माह के अंतराल पर पूरा चम्मच (दो एमएल ) देना है। विटामिन ए शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता में इजाफा करती है व इससे बाल मृत्यु दर में कमी आती है। स्किन के लिए विटामिन ए वरदान माना जाता है। साथ ही यह खसरे से होने वाली मौत पर भी अंकुश लगाता है। हड्डियां को मजबूत करने और घाव भरने में भी यह मदद करता है। विटामिन ए की खुराक पिलाना संपूर्ण टीकाकरण अभियान का हिस्सा है। यह बच्चों के लिए बेहद जरूरी है। विटामिन ए की कमी से बच्चों में तमाम विकार देखने में आते हैं। इसलिए अपील है कि अधिक से अधिक बच्चों को टीके की खुराक दी जाए।डॉ। तीरथ लाल, एसीएमओ व टीकाकरण प्रभारी स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive