25 से 31 जुलाई के बीच विश्व ओआरएस सप्ताह का आयोजनजानकारी के अभाव में बच्चे हो जाते हैं निरजलीकरण के शिकारचिल्ड्रेन अस्पताल में रोजाना बढ़ रही है मरीजों की संख्या

प्रयागराज (ब्यूरो)। कम ही लोगों को पता होगा कि देश में बच्चो की होने वाली मौत का तीसरा बड़ा कारण दस्त है। जानकारी के अभाव में लोग इसे गभीरता से नही लेते और बच्चों की निरजलीकरण से मौत हो जाती है। यही कारण है कि पैरेंट्स को इससे अवेयर करने के लिए 25 से 31 जुलाई के बीच ओआरएस सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। ताकि दस्त होने पर बच्चों को ओआरएस के जरिए जल्द से जल्द खतरे से बचाया जा सके।

क्या है डिहाइड्रेशन के लक्षण
गर्मी और बारिश के मौसम में अक्सर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बार बार दस्त आने लगते हैं। इसका कारण वायरस से होने वाला इंफेक्शन होता है। ऐसे में बच्चे निरजलीकरण यानी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं। अगर सही समय पर उनका इलाज नही हुआ तो उनकी मौत हो जाती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि इससे बचाव के लिए ओआरएस देना उपयुक्त इलाज है। जिसे घर में ही किया जा सकता है।

घर पर कैसे बनाएं ओआरएस
हाथों को कायदे से साबुन से धोएं।
एक लीटर साफ पानी किसी बर्तन में लें
ओआरएस का पैकेट एक लीटर पानी में मिला दें
इसे चौबीस घंटे के भीतर इस्तेमाल करना चाहिए
इसे प्रत्येक पतले दस्त के बाद बच्चे को पीने को देना चाहिए।
दो साल से कम उम्र के बच्चे को एक बार में चौथाई या आधा गिलास ओआरएस पिलाएं।
दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को आधा या एक गिलास ओआरएस एक बार में दें।

ओआरएस नही होने पर उसके विकल्प
सादा पानी, दाल का पानी, नींबू पानी, चावल का माड़ नमक डालकर
वेजीटेबल सूप
दही या दूध
मां का दूध
घर में निकाला फल का जूस
छांछ

बच्चे को यह कतई मत दें
शक्कर पानी का घोल और बाजार में बिकने वाला पैकेट जूस या लूज जूस

चिल्ड्रेन अस्पताल में बढ़ रहे मरीज
ऊमस के सीजन में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बच्चे अक्सर गंदी चीजे मुंह में डाल लेते हैं जिसकी वजह से उनको दस्त होने लगते हैं। ऐसे केसेज इस सीजन में रोजाना दर्जनों की संख्या में चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों को पिलाने के लिए पैरेंट्स को ओआरएस का घोल दिया जा रहा है। वर्तमान में दस्त की समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी हो चुकी है।

बच्चे बार बार दस्त आने के बाद डिहाइड्रेट हो जाते हैं। ऐसे में उनकी सेहत के लिए ओआरएस का घोल देना जरूरी होता है। इसके उपयोग के बारे में इस सप्ताह विशेष तौर पर लोगों को जागरुक किया जाएगा।
डॉ। मनीषा मौर्या, वाइस प्रेसीडेंट आईएपी व चिल्ड्रेन हॉस्पिटल प्रयागराज

Posted By: Inextlive