चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की ओपीडी में पहुंचे रहे डेढ़ सौ से अधिक बच्चेज्यादातर डायरिया व बुखार और बच्चों के बदन पर दानें उभरने की आ रही शिकायत गर्मी और तेज धूप का यह मौसम बच्चों के लिए खतरनाक हो गया है. अभिभावकों की थोड़ी सी चूक से बच्चे डायरिया के शिकार हो जा रहे हैं. इन दिनों डायरिया रोग से पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ गई है. चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में हर रोज डेढ़ से अधिक बीमार बच्चे देखे जा रहे. इसमें सबसे ज्यादा बच्चे डायरिया के पीडि़त बताए जा रहे हैं. डायरिया के साथ तमाम बच्चे फीवर से भी ग्रसित हो जा रहे. ज्यादा बीमार बच्चों को एडमिट तक करना पड़ रहा. प्रति दिन चौबीस घंटे में कम से कम दस से 12 बीमार बच्चे एडमिट हो रहे. इनमें कुछ तो दो तीन घंटे में ही ठीक हो जाते हैं. बाकी को को एक से दो दिन तक भर्ती करके डॉक्टरों को इलाज करना पड़ रहा. डायरिया व बुखार से पीडि़त बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सक इलाज संग अभिभावकों को सावधानियां भी बता रहे हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। काम धंधे की व्यस्तता के चलते गर्मी के इस मौसम में तमाम परिजन बच्चों का ध्यान नहीं दे पा रहे। जानकारी और समय का अभाव होने का खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। मासूम बच्चों में पानी की कमी, उल्टी, दस्त व तेज बुखार, बदन पर दानें जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं। इन बीमारियों के पीछे डॉक्टर परिजनों को ही बता रहे। कहते हैं कि बच्चे बोल नहीं सकते। ऐसे में उनकी एक्टिविटी से ही परिजनों को बच्चों की जरूरतों को समझना चाहिए। तमाम लोग ऐसे हैं जो बच्चों को दिन भर में एकाध दो बार ही पानी पिलाते हैं। चंद अभिभावक तो ऐसे हैं जो दूध के अलावा पानी देते ही नहीं। जिन घरों में पानी बच्चों को बराबर पिलाया भी जाता है वहां उस जल की शुद्धता पर गौर नहीं किया जाता। दूध हो या कोई पावडर बच्चों में उसे पचाने की क्षमता कम हो ती है। गर्मी में यह क्षमता और भी कम हो जाती है। डायरिया जैसी बीमारी के पीछे इन्हीं बातों को डॉक्टर कारण बता रहे। कहते हैं कि बदन पर दाने की वजह गर्मी में सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाना है। ऐसे में होने वाले पसीने और गंदगी से रिएक्शन बच्चों के बदन पर दाने व चक्का के कारण बन जाते हैं। समय पर ध्यान नहीं दिए जाने पर यह बीमारियां बड़ी रूट भी धारण कर सकती हैं। इन बीमारियों से ग्रसित बच्चे कुछ खाना पीना भी छोड़ देते हैं।

बच्चों की सेहत का ऐसे रखें ध्यान
डॉक्टरों की मानें तो बच्चे छोटे हों या बड़े, हर आधे एक घंटे में बच्चों को थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाते रहना चाहिए
पानी आरओ का नहीं है तो ध्यान दें कि उसे अच्छी तरह ब्वायल कर लें और साफ बारीक कपड़े से छानकर पिलाएं, यह पानी लोग खुद भी पी सकते हैं।
बच्चों को दस्त के साथ उल्टी कई बार हुई हो तो इस मौसम मे उसे ओआरएस का घोल जरूर पिलाएं
डायरिया के साथ बुखार है तो लक्षण ठीक नहीं, बगैर देर किए उन्हें हॉस्पिटल ले आना चाहिए
बच्चों को जिस बिस्तर पर लेटाएं और पहनाएं उसे रोज साबुन से धुलकर अच्छी तरह धूप में जरूर सुखा लें
बच्चे बहुत छोटे नहीं हैं तो उन्हें दही व मूंग की खिचड़ी भी दे सकते हैं, ध्यान रहे कि बाहर की व तेल मसाले वाली चीजें खिलाने से बचें
बच्चे साल छह महीने के हैं तो उन्हें किसी भी बेबी शॉप से नहलाकर अच्छी स्वच्छ कपड़े पहनाएं पावर जरूर लगाएं
छोटे बच्चों को फ्रिज का ठंडा पानी बिल्कुल नहीं दें, अरहर की दाल का पानी जरूर दें और दूध गुनगुना ही पिलाएं
बहुत मजबूरी हो तो ठीक वरना बच्चों को लेकर धूप में निकलने से परहेज करें, बाइक से हैं तो गमछे से अच्छी तरह बच्चे को ढककर ले जाएं

कब पहुंचे कितने रोगी
दिन ओपीडी
शुक्रवार 195
शनिवार 173
रविवार 37
सोमवार 168
मंगलवार 171


बच्चों में डायरिया की बीमारी को साधारण वे में नहीं लें। यदि उल्टी व दस्त के साथ बच्चों को बुखार है तो तो तुरंत हॉस्पिटल लाएं। बताई गई बातों पर ध्यान देकर सिर्फ डायरिया नहीं कई बीमारियों से बच्चों को बचा सकते हैं।
डॉ। भारतेंदु पाठक, चिल्ड्रेन हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive