नवरात्र की महाअष्टमी पर बुधवार को मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा हुई. इस मौके पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. शाम को देवी मंदिरों में मां का अलग-अलग वस्तुओं से भव्य श्रृंगार किया गया. महाअष्टमी के मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने कन्या पूजन भी किया. सप्तमी को व्रत रखने वालों ने विधि विधान के साथ कन्या पूजन करके उनको भोग लगाया. इसके बाद समार्थ के अनुसार दक्षिणा देकर कन्या को विदा किया. वहीं घरों में शतचंडी अनुष्ठान आदि का भी आयोजन किया गया.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नवरात्रि महोत्सव शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में अष्टमी के शुभ अवसर पर महागौरी के रूप में मां के भक्तों को भव्य दर्शन प्राप्त हुआ। पंडित सुशील पाठक एवं पंडित श्यामजी पाठक ने बताया की मां का मनोहारी श्रृंगार स्वर्ण रत्न जडि़त आभूषणों से किया गया। इस दौरान मां कल्याणी शेरों के रथ पर बैठी मां गले में स्वर्ण आभूषणों, हाथ में गदा, चक्र, त्रिशूल अलग ही शोभा प्रदर्शित कर रहे थे। अष्टमी पर सुबह पांच बजे से रात्रि 12 बजे तक मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान कन्या पूजन, हवन पाठ, प्रसाद वितरण, भंडारा भी हुआ। सायंकाल महिलाओं द्वारा सुंदर-सुंदर भजन प्रस्तुत किया गया। पंडित श्याम जी पाठक ने सायंकाल सात बजे मां की भव्य आरती उतारी। अष्टमी पर मां महागौरी का भव्य श्रृंगार जिनको शिवा भी कहा जाता है इनके एक हाथ में शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरु है तीसरा हाथ वर मुद्रा में है और चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला की शक्ति को दर्शाता है। महागौरी की स्वर्ण अंकों के साथ ही कल नवमी को मां सिद्धिदात्री के रूप में भगवती कल्याणी का सुंदर मनोहारी श्रृंगार, दर्शन, हवन, कन्या पूजन एवं विशाल भंडारे का आयोजन रखा गया है। मां ललिता देवी मंदिर में भी विशेष पूजन और श्रृंगार किया गया।

Posted By: Inextlive