शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने मां के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया. नवरात्र की तैयारियों पहले से चल रही थी. ऐसे में नवरात्र को लेकर सिटी के सभी देवी मंदिरों में आयोजनों का सिलसिला भी गुरुवार से शुरू हो गया. मंदिरों में भोर में ही मंगला आरती के बाद दर्शन के लिए कपाट खोल दिए गए. दोपहर तक मां की आराधना के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती रही. दोपहर बाद मंदिर के कपाट बंद हुए. शाम को श्रृंगार और आरती के बाद फिर से मंदिरों में भक्त पहुंचने लगे. देर शाम तक दर्शन व पूजन का कम जारी रहा.

प्रयागराज (ब्यूरो)। शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी के प्रांगण में नवरात्र के महा पावन पर्व पर भगवती अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। मां भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं उनका कल्याण करती हैं। मंदिर के पुजारी श्याम जी पाठक ने बताया कि मां शैलपुत्री का ध्यान करने से प्रथम दिन भक्तों को ब्याज रहित जीवन प्राप्त होता है। उनको कलश स्थापना के बाद शुद्ध देसी घी का अखंड दीपक प्रज्वलित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं। नवरात्र के प्रथम दिन मां कल्याणी की सुबह 5 बजे मंगला आरती के बाद पट खोले गए। इसके बाद भक्तों का दर्शन पूजन का क्रम दोपहर 1 बजे तक चला। उसके बाद भगवती के धाम में शतचंडी अनुष्ठान सुबह 8 से 11 एवं शाम 4 से 7 बजे तक हुआ। जहां सात वैदिक ब्राह्म्णों द्वारा वेदी पूजन और आह्वान से अनुष्ठान की शुरुआत हुई। पंडित श्यामजी पाठक ने बताया प्रथम दिन भक्तों ने मंदिर में कलश पूजन, देवी पूजन एवं व्रत आदि का संकल्प लिया। शाम को 4 बजे मां भगवती का अभिषेक हुआ।

शैलपुत्री रूप में हुआ श्रृंगार
शैलपुत्री के रूप में मां कल्याणी का भव्य श्रृंगार किया गया। शैलपुत्री स्वरूप में इनके एक हाथ में त्रिशूल दूसरे में कमल लिए अपने वाहन बैल में विराजमान नाना प्रकार के सुगंधित पुष्पों बनारसी साडिय़ों से सजी मां भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने पूजन अर्चन करके देवी से सभी भक्तों का कल्याण करने और किसी भी प्रकार के रोग आदि महामारी आगे ना उत्पन्न हो। इसके लिए कामना की। ललिता देवी मंदिर मीरापुर में भी सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का क्रम जारी रहा। मंदिर में कोरोना महामारी को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पहले दिन मां ललिता देवी का भव्य श्रृंगार हुआ। इसके पहले सुबह से ही दर्शन और पूजन करने के लिए भक्तों ने जल चढ़ाकर मां का आर्शिवाद लिया। अतरसुइया स्थित खेमा माई मंदिर में भी विशेष श्रृंगार किया गया। शाम को महा आरती के साथ ही देर शाम तक दर्शन का क्रम जारी रहा।

अलोपशंकरी देवी मंदिर में लगी रही कतार
अलोपीबाग स्थित अलोपशंकरी देवी मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इस अवसर पर भक्तों ने मां को पुष्प और माला अर्पित की और झुला झुलाकर मां अलोपशंकरी से आशीर्वाद प्राप्त किया। मुट्ठीगंज स्थित कालीबाड़ी मंदिर में भी नवरात्र के अवसर पर विशेष पूजन और अनुष्ठान की शुरुआत हो गई। नौ दिनों तक मंदिर में हवन और पूजन का क्रम जारी रहेगा।

Posted By: Inextlive