दस दिनों तक भक्ति भाव से पंडाल और घरों में गणपति को स्थापित कर आराधना में लीन रहने वाले भक्तों ने शुक्रवार को प्रतिमाओं को विसर्जित किया. मूर्ति विसर्जन जुलूस के साथ महिलाएं और बच्चे भी नहीं. भक्तों ने अबीर गुलाल से एक-दूसरे का चेहरा रंग दिया. इसके बाद वे डीजे के धुन पर नाचते गाते हुए निकले. मूर्तियों के लिए प्रशासन की तरफ से अंदावा तालाब में विसर्जन की व्यवस्था की गयी थी लेकिन तमाम लोग ऐसे थे जिन्होंने गंगा और यमुना नदी में भी मूर्तियां विसर्जित कीं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शुक्रवार को गणपति बप्पा की विदाई की बेला थी। पूजा पंडालों में सुबह मोदक, मिष्ठान, फल अर्पित करके विधि-विधान से पूजन हुआ। पूजन के बाद हवन करके विसर्जन की यात्रा निकली। ढोल, ताशा की धुन पर 'गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया, अगले बरस जल्दी आनÓ का उद्घोष करते हुए अंदावा तालाब पर पहुंचे। वहां मूर्ति विसर्जित करते समय हर किसी की आंखें नम हो गईं। विसर्जन के बाद लोग भावुक मन से घर लौटे। महाराष्ट्रीय तरुण मंडल की विसर्जन यात्रा राघवेंद्र आचार्य के संयोजन में निकली। वहीं, श्री रुद्र हनुमान साईं धाम समिति की ओर से मनमोहन पार्क चौराहा पर आयोजित गणपति पूजा का समापन हुआ। संयोजक अवधेश चंद्र गुप्त के नेतृत्व में गणपति की प्रतिमा विसर्जित की गई। शाम को पूजन स्थल पर भंडारा हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसमें पंकज अग्रवाल, मनीष गुप्त, गोपाल तिवारी, सुनील कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive