डेंगू का खतरा अभी भी बरकरार
प्रयागराज ब्यूरो । दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सबसे पहले काल्विन अस्पताल के अंदर डेंगू वार्ड का जायजा लिया। यहां पर सभी बेड फुल मिले। यही आलम डफरिन अस्पताल का भी था। सबसे बड़ी बात यह है कि डेंगू मरीज के साथ परिजन भी एक ही बेड पर मच्छरदानी लगाकर लेटे व बैठे हुये मिले। जब रिपोर्टर ने तीमारदारों से बातचीत की तो उनका कहना था कि
बाहर बैठने पर मच्छर खूब काटते हैं। इसलिए वह मरीज के साथ रहते हैं। ताकि उनकी देखभाल भी हो सके। कई ऐसे केस भी मिले जहां अपने पिता को भर्ती कराने व देखभाल करने आए तनवीर का भाई एडमिट हो गया। एक ही अस्पताल व एक रूम में दोनों का इलाज चल रहा है। वहीं सुषमा की भाभी और भाई का इलाज चल रहा है।
बाहर मौसम ठंडा होने पर अंदर आ जाते है मच्छर
आमतौर पर मच्छर 30 डिग्री सेल्सियस तापमान से नीचे ब्रीड नहीं करते है। उनके लिए 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान अनुकूल रहता है। लेकिन अब अधिकतम 24 और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रह रहा है। सुबह-शाम में जब तापमान में गिरावट आती है तो मच्छर घरों व अस्पतालों के वार्ड के भीतर घुस जाते है। वहीं अस्पतालों में भर्ती मरीज बताते है कि बिना मच्छरदानी रह पाना संभव नहीं है। फॉगिंग व छिड़काव तक का असर नहीं है।
- मच्छरों को घर के भीतर आने से रोकें
- दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
- मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
- अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इक_ा न होने दें
- पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दें
- पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहनें
- घर और कार्यस्थल के आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं
- गड्ढों में जहां पानी इक_ा हो, उसे मिट्टी से भर दें बुखार कम होता है फिर अचानक बढ़ जाता है। डाक्टर्स ने डेंगू बताया है। हमारे परिवार के दो लोग और डेंगू से पीडि़त हैं। एक का घर और दूसरे का बेली अस्पातल में इलाज चल रहा है।
कमला देवी, मरीज काल्विन अस्पातल
बेड की स्थिति ठीक नहीं है। दो दिन चक्कर लगाने के बाद तो बेड मिला है। रोजाना कई लोग बेड न मिलने के चलते दवा लेकर लौट जाते है। हमारे एक जानने वाले को बेड नहीं मिला तो प्राइवेट में भर्ती होना पड़ा।
कमरुद्दीन, तीमारदार काल्विन अस्पातल
कई दिन से हमारे एक रिश्तेदार भर्ती है।
ठीक होने का नाम नहीं ले रहा। यहां पर अधिकांश लोगों का यही हाल है। इससे पता चलता हे कि डेंगू जल्दी अपना प्रकोप बॉडी से छोड़ नहीं रहा है। बिना मच्छरदानी यहां रूकना संभव नहीं है।
सरवर हुसैन, तीमारदार काल्विन अस्पातल
मनीष, तीमारदार, प्राइवेट अस्पताल