शनिवार को सुबह केंद्र सरकार से आश्वासन मिलने के बाद आईएमए ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी. इसके बाद मरीजों न राहत की सांस ली. प्राइवेट अस्पतालों समेत एसआरएन अस्पताल की ओपीडी संचालित हुई और मरीजों का इलाज किया गया. दोपहर में एएमए सभागार मेें आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुजीत कुमार ने कहा कि डॉक्टर किसी घायल या बीमार के इलाज में हमेशा तत्पर रहते हैं फिर भ्ी उनको पुलिस और प्रशासनिक प्रताडऩा का शिकार होना पड़ रहा है. यही हुआ राजस्थान के दौसा में महिला डाक्टर अर्चना शर्मा के साथ. जिस कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एएमए के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तराखंड में महिला डाक्टर निधि उनियाल को भी प्रताडि़त किया गया। चिकित्सक समुदाय और निजी चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय स्तर पर किसी गंभीर अधिनियम की जरूरत है। आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के उच्च पदाधिकारियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की वार्ता में ऐसे अधिनियम पर सकारात्मक बात हुई है। इस कारण दो अप्रैल को प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली गई। कहा कि इलाज के दौरान कभी-कभी किसी रोगी की मौत भी हो जाती है, लेकिन ऐसे प्रकरण में कुछ स्थानीय नेता व पुलिस कर्मी धन उगाही के लिए पीडि़त परिवार को उकसाते हैं। इस मौके पर डॉ। ललिता शुक्ला, डॉ। ऋतु सिन्हा, डा। राजेश मौर्या, डा। पीयूष् दीक्षित, डा। अशोक अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

Posted By: Inextlive