देश को टीबी से मुक्त कराने पर गंभीरता से काम चल रहा है. पूर्व में पोलियो व चेचक जैसी गंभीर बीमारियों को वैक्सीन के बल पर ही ख़त्म किया जा सका है कोविड पर भी नियन्त्रण टीके से हुआ है. वर्तमान में हमारे देश में टीबी के दो टीकों पर काम चल रहा है. वही पूरे विश्व में कुल मिलाकर 100 टीकों पर रिसर्च चल रही है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस संबंध में यूपी स्टेट टीबी टास्क फ़ोर्स (क्षय नियन्त्रण) के चेयरमैन व केजीएमसी के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ। सूर्यकांत कहते हैं कि अब टीबी को भी जड़ से ख़त्म करने के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है। टीबी का टीका बैसिलस कैलमेट गुएरिन (बीसीजी) करीब 100 साल पुराना टीका है जो कि बच्चों को गंभीर टीबी से बचाता है। जिसमें मिलियरी और टीबी मेनेंजाइटिस के गंभीर रूप शामिल हैं। हमारे देश में आईसीएमआर संस्था द्वारा वर्ष 2019 में दो टीकों को प्रयोग के लिए चयनित किया गया था। इनमें वीपीएम 1002- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इण्डिया और एमआईपी - कैडिला आईसीएमआर शामिल हैं।

कई विभागों ने लिया है गोद
बता दें कि वर्तमान में डीएम संजय खत्री की अध्यक्षता में 3 हज़ार 455 टीबी मरीजों को विभिन्न विभागों ने गोद लिया है। जिसमे स्वयंसेवी सस्थान भी शामिल हैं। जिसके बाद उनके स्वस्थ होने तक विभागों की पूर्ण भूमिका होगी। वल्र्ड टीबी डे के मौके पर गुरुवार को लखनऊ में राज्यपाल के कार्यक्रम का कलेक्ट्रेट संगम सभागार में सीधा प्रसारण किया जाएगा। बारह बजे से यहां टीबी मरीजों को डीएम द्वारा पोषाहार वितरित किया जाएगा। प्रत्येक माह पोषाहार वितरण का कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके अलावा गुरुवार की शाम जागरुकता के लिए सुभाष चौराहे पर कैंडल मार्च भी निकाला जाएगा।

इन लक्षणों को देख कराएं टीबी की जांच
दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी एवं बुखार आना
वजन में कमी होना, भूख कम लगना
बलगम से खून आना
सीने में दर्द एवं छाती के एक्स-रे में असामान्यता

जल्द ही हमारे बीच टीबी का टीका भी उपलब्ध होगा और तब इस रोग पर लगाम लगाना आसान होगा। मास्क के उपयोग से भी टीबी का संक्रमण हुआ था। अगर किसी को लक्षण दिख रहे हैं तो वह टीबी की निशुल्क जांच करा सकता है।
डॉ। एके तिवारी जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive