युवक के मोबाइल पर आई मौत की कॉल
प्रयागराज (ब्यूरो)। मृतक प्रयाग ज्योति नवाबगंज थाना क्षेत्र के पथरियापुर गांव निवासी पन्नालाल पटेल का बेटा था। वह गाडिय़ों की ड्राइविंग करके बेटे आदर्श व अनमोल और बेटी प्रियांजलि तथा पत्नी ज्योति का भरण-पोषण किया करता था। मंगलवार को प्रयाग ज्योति फसलों की सिंचाई करने के लिए खेत गया हुआ था। बताते हैं कि शाम करीब पांच बजे घर आया और चाय नाश्ता किया। इस बीच उसके मोबाइल पर किसी के द्वारा फोन किया गया। फोन आते ही वह बात करते हुए घर से बाहर निकल गया। इसके बाद लौटकर देर रात तक घर नहीं पहुंचा। परिवार के लोग उसके मोबाइल पर कॉल करने लगे। भाई प्रयाग प्रकाश पटेल ने कहा कि एक-दो बार उसके मोबाइल पर बेल गई थी। इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ बताते लगा। इस पर घर वालों को चिंता हुई और सभी उसकी तलाश में जुट गए। पूरे गांव में उसके बारे में पता किया गया। कुछ उससे मिलने जुलने वाले दोस्तों से भी पूछताछ किए। कहीं पर भी उसका कुछ पता नहीं चला। इसे परिवार की चिंता और बढ़ गई।
ग्रामीणों ने दी सूचना
सुबह परिवार के लोग खबर पुलिस को देने की तैयारी में थी। इस बीच शौच के लिए गए कुछ ग्रामीणों को गांव से थोड़ी दूर स्थित तालाब किनारे प्रयाग ज्योति का पड़ा हुआ कपड़ा दिखाई दिया। यह बात उन्होंने उसके परिवार वालों को बतायी। तालाब किनारे उसका कपड़ा पड़ा होने की खबर मिलते ही परिवार के लोग वहां जा पहुंचे। कपड़ा देखते ही अनहोनी की आशंका से परिवार में मातम पसर गया। तालाब किनारे रोने पीटने की आवाज सुनकर ग्रामीण जा पहुंचे। कड़ाके की ठंड के बीच गांव के लोग तालाब में उसकी तलाश शुरू कर दिए। काफी प्रयास के बावजूद जब उसका कुछ पता नहीं चला तो तालाब में जाल डालकर खोजबीन शुरू की गई। दोपहर के करीब तालाब में उसकी बॉडी ग्रामीणों को मिल गई। बॉडी मिलते ही उसकी पत्नी व बच्चे सहित पूरे परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने घटना की छानबीन के बाद बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। परिवार के लोग हत्या के बाद बॉडी तालाब में फेंके जाने का शक जताते रहे और पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करती रही।
कहां गई स्लीपर व मोबाइल
तालाब में प्रयाग ज्योति की बॉडी व किनारे पड़े कपड़े तो मिल गए हैं। मगर उसका स्लीपर और मोबाइल का कुछ पता नहीं चल सका है। ग्रामीण व परिजनों का कहना है कि कड़ाके की इस ठंड में भला वे तालाब में क्यों नहाने के लिए क्यों जाएगा वह भी शाम के समय। यदि थोड़ी देर के लिए यह मान भी लिया जाय कि वे कपड़े उतार कर तालाब किनारे रखने के बाद तालाब में नहाने उतरा था तो उसका स्लीपर व मोबाइल भी कपड़ों के साथ मिलना चाहिए था। जबकि मौके पर कपड़े तो हैं पर उसका स्लीपर व मोबाइल नहीं हैं। इससे लोग शक जता रहे हैं कि उसकी हत्या कहीं और की गई है। इसके बाद बॉडी को तालाब में लाकर फेंका गया है। सोची समझी कत्ल की इस वारदात को डूबने का एंगल देने के लिए शातिर कातिल उसके कपड़े तालाब किनारे रखकर भाग गए। परिजनों का कहना है कि परिवार या उसकी किसी कोई रंजिश नहीं थी। ऐसी स्थिति में उसकी हत्या के बाद बॉडी को तालाब में फेके जाने की आशंका को और बल मिल रहा है।
अनूप सिंह थाना प्रभारी नवाबगंज