माघ मेले की शुरुआत में अब सिर्फ 10 दिन का समय शेष रहा गया है. प्रशासन की तरफ से कार्य पूर्ण कराने के लिए निर्धारित डेडलाइन भी बुधवार को समाप्त हो गयी. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने माघ मेले की तैयारियों की हकीकत परखी तो पता चला कि किसी एक डिपार्टमेंट का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है. रफ्तार यही बनी रही तो मेला शुरू होने के समय भी काम चलता रहेगा.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। माघ मेला में 18000 लाइट पोल लगाये जाने हैं। अभी तक 10 हजार पोल ही लगाये जा चुके हैं। पोल गाडऩे का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। ज्यादातर पोल पर वायर भी दौड़ाए जा चुके हैं। बताया गया कि 400 किलोमीटर में एचटी लाइन और 335 किलोमीटर तक एलटी लाइन की वायरिंग की जा चुकी है। मेला क्षेत्र में मुख्य मार्गों से हटकर सपोर्टिंग रोड पर कई जगह वायरिंग का काम अधूरा दिखा। मेला क्षेत्र में कुल 23 विद्युत उपकेंद्र बनाए जाने का लक्ष्य है। इसके सापेक्ष 22 का काम पूरा होने का दावा किया गया। चेकिंग में उपकेंद्रों के निर्माण की स्थिति दावे से हट कर नजर आई। पूरे मेला क्षेत्र में अभी सप्लाई भी चालू नहीं हो पाई है। काम कर रहे कामगारों ने कहा कि झंूसी साइड मेला क्षेत्र के कुछ हिस्सों में ही आपूर्ति चालू हो पाई है। दारागंज साइड की आपूर्ति विभाग ने चालू कर दिया है।

सात हजार नल लगने अब भी हैं शेष
मेला में कुल 180 किलोमीटर तक वाटर सप्लाई पाइप बिछाने का लक्ष्य है। विभागीय जिम्मेदारों का दावा है कि 182 किलोमीटर वाटर लाइन बिछा दी गयी है। मेला में 11150 नल लगाए जाने हैं। इनमें से 4000 नल लगाए जा चुके हैं। आठ दिन में करीब सात हजार से अधिक नल लगाने का बड़ा चैलेंज विभाग के सामने है।

सड़कों का निर्माण अब भी है जारी
पीडब्लूडी के अफसरों से मालूम चला कि मेला में कुल 80 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है। यह लंबाई मुख्य यार्ड व और सम्पर्क मार्गों को जोड़ बताई गई। दावा किया गया कि इसमें से दस किलोमीटर तक की ही रोड बनाया जाना शेष है। बाकी के 70 किलोमीटर की सड़क बन चुकी है। वैसे अधिकांश संपर्क मार्गों पर चकर्ड प्लेट यहां-वहां पड़ी मिली। इसे बिछाने का काम चल रहा था।

स्नान घाट के निर्माण में सुस्ती
श्रद्धालुओं को स्नान में कोई दिक्कत न हो इसके लिए पांच किलोमीटर के रेंज में घाट बनाया जाना है। इसका एरिया स्नान घाट संगम से पांटून पुल 05 नंबर तक है। कुल 24 घाट बनाए जाने का मसौदा तैयार है। इसमें चार वीआईपी, दो नाव एवं 18 सार्वजनिक स्नान घाट शामिल हैं। रिपोटर्र ने पड़ताल किया तो पता चला कि संगम को छोड़ एक भी घाट स्नान के योग्य कम्प्लीट नहीं है।

देखिए शौचायल और चिकित्सा सुविधा
माघ मेला क्षेत्र में शौचालय निर्माण व चिकित्सा सुविधा की भी स्थिति ठीक नहीं है। तफ्तीश में पता चला कि इन कार्यों की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के कंधों पर है। स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ व कार्य देख रहे कई अफसरों से रिपोर्टर ने बात की। उन्होंने बताया गया कि 30 बेड के दो हॉस्पिटल का निर्माण मेला क्षेत्र में हो चुका है। 12 एएसपी यानी दो बेड के हॉस्पिटल बनाए जाने हैं। वैसे छोटे स्वास्थ्य केंद्रों का कही बोर्ड तक नजर नहीं आया। दो हॉस्पिटल का ढांचा कम्प्लीट है।

थाने और चौकियों का बुरा हाल
शांति व सुरक्षा के लिहाज से मेला क्षेत्र में 13 थाने और 45 चौकियों का निर्माण किया जाना है। मेला एसपी का दावा है कि थाना बन चुका है और चौकियों का निर्माण चल रहा है। सच्चाई परखने पर पता चला कि दारागंज साइड परेड और कोतवाली झूंसी सहित करीब चार से पांच थानों का स्ट्रक्चर ही खड़ा हो सका है। पांटून पुल के दोनों तरफ करीब एक दर्जन चौकियों का भी यही हाल है। थानों व चौकियों में न तो अब तक पानी की सुविधा हो सकी है और न ही शौचालय की।

Posted By: Inextlive