डेडलाइन खत्म, पांच दिन बढ़ी मियाद
प्रयागराज (ब्यूरो)। पूरे माघ मेला क्षेत्र में न अभी बिजली के पोल लगा हैं और न ही बिजली के तार दौड़ पाए हैं। चकर्ड प्लेट तक नहीं बिछ पाई हैं। जहां बिछाई गई हैं उनको अभी नट बोल्ट से फिक्स नहीं किया गया है। सड़के नहीं बन पाई हैं। जल निगम अभी पानी की पाइप लाइन नहीं दौड़ा पाया है। ऐसे में 31 दिसंबर को शासन द्वारा तय की गई डेड लाइन के अंदर माघ मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दे पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। माना जा रहा है कि चुनावी वर्ष में लग रहे माघ मेले में योगी सरकार को श्रद्धालुओं की नाराजगी भर पड़ सकती है।
यह हुआ और यह बचा है कार्य
- माघ मेला क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी को 80 किलोमीटर में बिछाना था चकर्ड प्लेट
- इसमें से महज 30 किलोमीटर पर ही बिछाई गई है चकर्ड प्लेट
- घाट मार्गों पर तो अभी तक समतलीकरण का पूरा नहीं हुआ है काम
- माघ मेला क्षेत्र में पांच बनने है पीपा पुल
- महावीर मार्ग, त्रिवेणी और काली पुल पर 80 फीसदी से अधिक हुआ है काम
- लेकिन गंगोली शिवाला और ओल्ड जीटी मार्ग पर कुछ बाकि है काम
- जल निगम की ओर से मेला क्षेत्र में 180 किलोमीटर में बिछानी पाइप लाइन
- लेकिन अब तक 100 किलोमीटर के आसपास ही बिछाई जा सकी है पाइप लाइन
- पांच पुल मेला क्षेत्र में और दो फाफामऊ में बनाया जाना है पुल
- मेला क्षेत्र के दो पुलों का हुआ है काम बाकि तीन अब भी पेडिंग
- वहीं फाफामऊ में पुल निर्माण कार्य तक नहीं हुआ है शुरू
- सिर्फ पीपा पहुंचाकर भूल गए है विभागीय अधिकारी
पहले तो प्रशासन की तरफ से माघ मेले की तैयारियों में ढिलाई बरती गई। टेंडर की प्रक्रिया देर से शुरू की गई। बाद में बारिश माघ मेले की तैयारियों में रोड़ा बन गई। बारिश के कारण मेला क्षेत्र में जगह-जगह दलदल हो गया। इसके बाद मेला क्षेत्र का समतलीकरण रोड बनने का काम ढीला हो गया। निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को भी काफी दिक्कत हुई। दलदल में वाहन फंस जा रहे है। अब जबकि शीतलहर और कड़ाके की ठंड पड़ रही है ऐसे में मजदूरों को काम करने में काफी दिक्कत हो रही है। न्यूनतम पारा पांच डिग्री तक पहुंच गया है।
माघ मेले की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। डेडलाइन के बीच जिनके काम अधूरे हैं उनको पांच जनवरी तक पूरा करने की चेतावनी दी गई। उसके बाद भी काम नहीं पूरा हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।