कंट्रोल पैनल को ऑन करने में बीता दिन
बीपीसीएल में आक्सीजन उत्पादन के लिए मशीनों में करंट दौड़ाने का प्रयास शुरू
भारत पंप एंड कम्प्रेसर लिमिटेड को 21 दिन में 2200 आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करना टॅफ टास्क है। प्लांट को बंद हुए 8 साल हो चुके हैं और मशीन जाम पड़ी हैं। ऐसे में उसे चालू करने में खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बुधवार को दिन भर कंट्रोल पैनल ऑन करने पर मंथन चलता रहा। पॉवर को कंट्रोल पैनल तक पहुंचाना फिर इससे मशीनों को शुरू करने को एक्सपर्ट भी जुटे रहे। इस काम को जल्द शुरू करने के लिए कई इंजीनियर्स से भी अप्रोच किया गया था। उन्होंने अपनी राय दी। कंपनी ने मशीनों को चालू करने के लिए दो दिन का लक्ष्य रखा है। फिलहाल रेडी हैं 150 सिलेंडरबीपीसीएल की ओर से पंप और कम्प्रेसर बनाने का काम जारी है। लेकिन सिलेंडर बनाने का काम सात साल से बंद पड़ा है। प्रशासन ने शासन और केंद्र सरकार से बात करके इस प्लांट को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। जिससे कोरोना मरीजों के इलाज में आ रही सिलेंडर की कमी को दूर किया जा सके। कंपनी के सोर्सेज का कहना है कि इस समय 150 बड़े आक्सीजन सिलेंडर रेडी हैं। इनमें नॉब लगना है। इसके बाद इसे सप्लाई किया जा सकता है।
सीएनजी वाले हैं 2200 सिलेंडर प्लांट में इस समय 2200 सिलेंडर सेमी इंस्टाल्ड हैं। इनमें काफी काम बाकी है। यह सिलेंडर सीएनजी गैस के हैं और इनमें बेस नहीं है। मशीने चालू होने के बाद इनमें बेस बनाने का काम किया जाएगा। जिससे इन्हें वार्ड में खड़ा किया जा सकेगा। अभी यह जमीन पर लिटाए जा सकते हैं। इसके बाद इनमें नॉब लगाने का काम होना है। कंट्रोल पैनल को ऑन करने की कवायद जारी है। मशीनों की आयलिंग और ग्रीसिंग का काम शुरू हो गया है पूरी स्ट्रेंथ को काम पर लगाया प्लांट बंद होने के बाद इसके तमाम कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया गया था। इनमें से कई 60 साल से अधिक एज के हैं और लंबे समय से प्लांट से अलग हैं। उनको भी काम पर बुलाया गया है। यह सभी मशीनों को चालू करने में लगे हैं। इसके अलावा पंप और कम्प्रेसर यूनिट के कर्मचारियों को भी सिलेंडर प्लांट में लगा दिया गया है। जिससे तेजी से काम को पूरा किया जा सके। कुल मिलाकर 150 कर्मचारियों को इस प्लांट मे लगा दिया गया है। परमंथ 5000 सिलेंडर होने को तैयारबता दें कि बीपीसीएल की क्षमता एक साल में 60 हजार सिलेंडर तैयार करने की है।
इस तरह से एक माह में 5000 सिलेंडर बनाए जा सकते हैं। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह क्षमता पर्याप्त साबित हो सकती है। बशर्ते एक बार प्लांट अपनी पूरी क्षमता से शुरू हो जाए। 2200 सिलेंडर सप्लाई करने में कंपनी को 3.68 करोड़ रुपए सरकार से मिलेंगे। बीपीसीएल को संचालन की अनुमति मिल गई है। काम भी शुरू करवा दिया गया है। हमें उम्मीद है कि हफ्ते भर में बीपीसीएल सिलेंडरों की डिलीवरी शुरू कर देगी। आने वाले दिनों में और भी सिलेंडर बनाने के आर्डर मिल सकते हैं। संजय गोयल कमिश्नर-प्रयागराज