कैंटोमेंट एरिया में दिनदहाड़े लूट
प्रयागराज (ब्यूरो)। घूरपुर एरिया के कांटी गांव निवासी राजेश पटेल रेडियंट कैश नामक कंपनी में बतौर मैनेजर तैनात है। वह कीडगंज थाना क्षेत्र के बैरहना में रहकर नौकरी करता है। उसकी कंपनी की एक ब्रांच शिवकुटी के रसूलाबाद में है। बताते हैं कि राजेश हर दिन की तरह बाइक से पिट्ठू बैग लेकर कंपनी का कैस कलेक्शन करने निकला था। कलेक्शन में उसे तीन लाख 41 हजार 500 रुपये मिले थे। इन सारे रुपयों को वह अपने पिट्ठू बैग में रख लिया। इसके बाद सारा पैसा एक्सिस बैंक में जमा करने के लिए वह रसूलाबाद से सिविल लाइंस की तरफ जा रहा था। बेली रोड पर वीर अब्दुल हमीद द्वार के पास पहुंचा था कि पीछे से दो ब्लैक कलर की पल्सर बाइक से पांच बदमाश उसे रुकने का इशारा किए। वह कुछ समझ पाता कि बदमाश उसे ओवरटेक करके रोक लिए। रुकते ही लुटेरे उसकी बाइक की चाबी निकाल कर दूर फेक दिए। इसके बाद धमकी देते हुए उसका रुपयों से भरा बैग लूट कर पांचों बदमाश बाइक से भाग निकले। घटना की जानकारी राजेश द्वारा पुलिस को दी गई। दिनदहाड़े सिटी के अंदर ऑन रोड हुई वारदात से महकमें में हड़कंप मच गया। एसपी सिटी, सीओ कर्नलगंज और प्रभारी निरीक्षक शिवकुटी सहित तमाम फोर्स मौके पर पहुंच गई। अफसरों के आदेश पर चारों तरफ लुटेरों की तलाश में बाइक की चेकिंग शुरू कर दी गई। अधिकारी लुट के शिकार राजेश को लेकर आइट्रिपलसी पहुंचे। वहां बेली रोड पर लगे हर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की चेकिंग की गई। हालांकि देर शाम तक पुलिस लुटेरों का कोई क्लू नहीं मिल सका था। बताते चलेंकि इस के पूर्व अतरसुइया इलाके में भाजपा नेता की एजेंसी में दिनदहाड़े तमंचे के बल पर लूट हुई थी। कुछ दिन बाद पुलिस ने एजेंसी से निकाले गए कर्मचारियों को पकड़कर केस का खुलासा किया था।एक बाइक पर तीन दूसरी पर थे दो बदमाश
फुटेज के जरिए की गई छानबीन में पुलिस को देर रात सिर्फ इतना पता चल सका है कि तीन बदमाश नकाबपोश थे। यह तीनों एक बाइक पर थे। जबकि दो लुटेरे दूसरी बाइक पर सवार थे। यह दोनों मुंह पर कुछ नहीं बांधे थे। पुलिस की मानें तो लुटेरे वारदात को अंजाम देने के बाद शहर के ट्रैफिक चौराहे तक आए थे। यहां से वह उनका कुछ पता नहीं चल सका है। मैनेजर राजेश से जिस रोड पर घटना हुई उस पर हमेशा यात्रियों का आवागमन बना रहता है। यहां तक कि रात भी इस रोड पर सन्नाटे जैसी स्थिति नहीं होती। दिन और रात में भी गेट पर सेना के जवानों की ड्यूटी रहती है। बावजूद इसके इस एरिया में लूट जैसी वारदात कई सवालों को जनम दे रही है।
मैनेजर के करीबी हैं प्राइम सस्पेक्टलूटेरों की तलाश में जुटी पुलिस को मैनेजर राजेश पटेल के करीबियों पर भी शक है। मैनेजर ने पुलिस को बताया कि लुटेरे उसे धमकी दिए और बैग छीनकर भाग निकले। बदमाशों के द्वारा तमंचा या पिस्टल जैसी चीजों के इस्तेमाल की बात सामने नहीं आई है। उसके मुताबिक बदमाश उसे रोके और धमकी देकर बैग छीने व भाग निकले। मतलब यह कि बदमाश भाग रहे थे तब भी मैनेजर द्वारा शोर नहीं मचाया गया। अर्थात वह लुटेरों के भाग जाने का इंतजार करता रहा। कंपनी के लाखों रुपये लूटकर बदमाश सिर्फ धमकी देकर छीन रहे थे और विरोध तो दूर शोर तक मचाना उचित नहीं समझा। यदि वह शोर या फिर विरोध किया होता तो सेना के गेट पर ड्यूटी में रहे सेना के जवान या यात्री उसकी मदद जरूर किए होते। पुलिस इस सवाल को लेकर भी संदेह में है कि इतना पैसा लेकर वह अकेले कैसे जा रहा था?
जाहिर है कि बैग में रुपयों को वह रखा होगा तो अकेले ही रहा होगा। बैग में इतने रुपये होने की बात उसके अतिरिक्त किसी और को मालूम नहीं रही होगी। यदि यह बात किसी दूसरे या तीसरे को खबर थी तो वे कौन लोग हैं। यही वह सारे सवाल हैं जिसे लेकर लेकर उसको उसके करीबियों पर गहरा शक है। शक की नजर से फिलहाल मैनेजर भी देखा जा रहा है।लुटेरों की तलाश में सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस, सर्विलांस और एसओजी और क्राइम ब्रांच की भी टीम लगाई गई है। कंपनी के रीजनल मैनेजर इंद्रजीत से भी पूछताछ की गई है। वह फौज के रिटायर्ड मैन हैं।दिनेश कुमार ङ्क्षसह, एसपी सिटी