करछना के डीहा गांव में बालिका की मौत किसी भूत प्रेत से नहीं बल्कि बीमारी से हुई थी. उसके शरीर में पस बन गया था. यह बात बुधवार को हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई है. वह बीमारी से कराहती और परिवार जादू-टोना का झाड़ फूंक करवाता रहा. किसी ढोंगी ने उसके पिता व परिवार को यह विश्वास दिलाया था कि बम्बा देवी आकर उसकी बेटी को जिंदा करेंगी. इसी अंधविश्वास में पूरा परिवार करीब हफ्ते भर से बेटी की बॉडी घर में रखकर तरह-तरह के टोटके आजमा रहा था. पूरे परिवार का खाना छोडऩा भी उसके टोटके का ही एक हिस्सा माना जा रहा है. गनीमत यह रही कि पुलिस द्वारा एडमिट कराए जाने के बाद परिवार के बीमार बच्चे अब एसआरएन हॉस्पिटल में खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डीहा गांव निवासी अभयराज की पांच बेटियां में अंतिमा (14) अंधविश्वास के गाल में समा चुकी है। मंगलवार रात जब पुलिस पहुंची तो घर में उसका भाई आरएन (20), जय सिंह (18), ज्ञान कुमार (16), बहन बीनू (22) की भी तबीयत ठीक नहीं मिली। डॉक्टरों से चेकअप कराने के बाद इन चारों को पुलिस एसआरएन हॉस्पिटल भेज दी थी। बुधवार को इन चारों की हालत ठीक बताई गई। मौत के गाल में समा चुकी अंतिमा की बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। कई दिनों से बॉडी घर में पड़ी थी लिहाजा उसमें सडऩ पैदा हो गई थी। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सेप्टीसीमिया यानी इंफेक्शन पाया गया है। डॉक्टरों का मत है कि उसकी मौत बीमारी के चलते हुई है। बच्चों के मामा का बेटा उमाशंकर की मानें तो सूचना पर वह लोग भी शाम को उसके घर पहुंचे थे। उन लोगों ने घर में देखा तो गृहस्थी के काफी सामान चले हुए थे। इसमें कुछ बिस्तर और चारपाई जैसी चीजें भी शामिल बताया। अंधविश्वासियों द्वारा इन सामानों को जलाने के पीछे का मकसद क्या था? यह बुधवार को भी स्पष्ट नहीं हो सका।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बालिका की मौत का कारण इंफेक्शन बताया गया है। एडमिट कराए गए लोग भी अब सही हैं। पुलिस बराबर एडमिट लोगों पर नजर रखे हुए है। यदि परिवार की तरफ से कोई तहरीर मिलेगी तो केस दर्ज करके जांच की जाएगी।सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार

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