नए आदेश में पांच लाख से कम साइबर ठगी होने पर लोगों को जाना होगा साइबर सेलपहले साइबर थाने में एक लाख या इससे ऊपर के मामलों की होती थी शिकायत व कार्रवाईअब पांच लाख से नीचे की साइबर ठगी होने पर आप की सुनवाई साइबर थाने पर नहीं होगी. इस लिए साइबर थाने जाकर आप अपना वक्त व किराया भाड़ा दोनों जाया नहीं करें. शासन ने साइबर घटनाओं को लेकर कुछ नए नियम जारी किए हैं. डीजीपी द्वारा यह आदेश जिले के शीर्ष अफसरों को भेजे गए हैं. इस पर साइबर थाने के जिम्मेदारों ने अमल भी शुरू कर दिया है. पांच लाख से नीचे की होने वाली साइबर ठगी का मामला अब साइबर सेल हैंडल करेगा. आप को अपनी शिकायत साइबर सेल में करनी होगी. वहीं से इसकी जांच और मुकदमे की प्रक्रिया शुरू होगी. हालांकि इस आदेश से साइबर सेल पर लोड बढऩे वाला है. ऐसे में प्रकरणों की जांच में विलंब का होना भी स्वाभाविक है. इस लिए शिकायत करने के लिए आप को कुछ दिन या महीने शांति से बैठना भी होगा.

प्रयागराज (ब्यूरो)। आधुनिक दौर में हर व्यक्ति ऑनलाइन हो गया है। सरकार भी ऑनलाइन कार्यों पर जोर दे रही है। करीब प्रत्येक शख्स के हाथ में एंड्रायड मोबाइल आ गया है। यहां तक रुपये पैसे भी मोबाइल से ऑनलाइन लेनदेन किए जा रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगी की घटनाएं भी तेजी से बढऩे लगीं। बढ़ रही ठगी की घटनाओं को देखते हुए साइबर सेल की स्थापना की गई। यहां केस बढऩे लगे आठ ठगी लाख रुपये के ऊपर होने लगी। यह देखते हुए सरकार द्वारा साइबर थाने की स्थापना का निर्णय लिया गया। आईजी कार्यालय में साइबर थाने की स्थापना की गई। नियम बनाए गए कि एक लाख या इससे अधिक के मामले ही साइबर थाने में दर्ज किए जाएंगे। अब तक इस साइबर थाने में एक लाख या इससे अधिक की हुई साइबर ठगी के कुल 56 मामले दर्ज दिए गए हैं। इन मुकदमों की विवेचना व जांच करके साइबर थाने की टीम द्वारा 24 अति उलझे हुए केसों का खुलासा किया गया। इनमें साइबर ठगी के कई केस ऐसे रहे जिनमें ठगों की गिरफ्तारी चित्रकूट व बांदा एवं बिहार, मध्य प्रदेश, नोएडा जैसे जनपदों व प्रदेशों से की गई। हाल ही में डीजीपी द्वारा जिले के पुलिस अफसरों को एक आदेश जारी किया गया। इस आदेश में कहा गया अब कि साइबर थाने में एक लाख या इससे अधिक की साइबर ठगी के मामले नहीं दर्ज किए जाएंगे। कहा गया है कि साइबर थाना अब पांच लाख या इससे अधिक के मामलों को ही हैंडल करेगा। इस लिए अब यदि आप के साथ पांच लाख से कम की साइबर ठगी हो तो साइबर थाने नहीं नहीं लिए। शिकायती पत्र लेकर आप सीधे साइबर सेल पहुंचें। वहां पर शिकायती पत्र दें जिसकी जांच साइबर सेल ही करेगा। यह साइबर सेल पुलिस लाइंस स्थित एसपी क्राइम कार्यालय के सेकंड फ्लोर पर स्थित है।


साइबर थाने के लिए जमीन की तलाश
साइबर थाने की अपनी कोई बिल्डिंग नहीं है, यह आईजी कार्यालय के सेकंड फ्लोर चल संचालित है
यह देखते हुए अधिकारियों ने साइबर थाने की बिल्डिंग को लेकर कवायद शुरू की और लिखा पढ़ी की गई
पुलिस अफसरों द्वारा की गई लिखा पढ़ी पर साइबर थाने की बिल्डिंग निर्माण को शासन ने हरी झण्डी दे दी है।
कहा गया है कि पहले इसके लिए शहर में कहीं कम से कम 3300 वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित किया जाय
जमीन के लिए पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा डीएम को लेटर भेजा गया है, जिस पर भूमि की तलाश जारी
जानकार बता रहे हैं कि शहर में इतनी बड़ी सरकारी जमीन को खोजने में खुद जिला प्रशासन को पसीने छूट रहे हैं

यह आदेश आया है कि अब साइबर थाने में पांच लाख या इससे ऊपर की ठगी के ही केस दर्ज किए जाएंगे। रकम इससे नीचे की है तो उसे साइबर सेल भेजा जाएगा। साइबर थाने की बिल्डिंग को लेकर जमीन के लिए शीर्ष अफसरों द्वारा लिखा पढ़ी की जा चुकी है।
राजीव तिवारी
प्रभारी साइबर थाना

Posted By: Inextlive