दोस्त बनकर सिपाही को साइबर क्रिमिनल ने ठगा
प्रयागराज (ब्यूरो)। अनजान कॉल से सावधान रहने की जरुरत है। मोबाइल पर आने वाली अनजान कॉल से ठगी हो सकती है। ऐसा ही हुआ एक सिपाही के साथ। सिपाही के मोबाइल पर कॉल आई। कॉलर ने दोस्त बनकर मदद मांगी। सिपाही ने उसके नंबर पर पचास हजार रुपये भेज दिया। जब तक सिपाही को ठगी होने की बात समझ आती तब तक देर हो चुकी थी। अब सिपाही ने कॉलर के मोबाइल नंबर पर केस दर्ज कराया है। कर्नलगंज पुलिस केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
पहचाना मुझे और शुरू हुई बात
सुल्तानपुर के कुड़वार थाना क्षेत्र के बसंतपुर के रहने वाले राजीव कुमार सिपाही हैं। वह पुलिस लाइन में रहते हैं। घटना 31 अगस्त की है। 31 अगस्त को राजीव के पास मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉलर ने तीन बार हैलो कहा। राजीव कुछ कहते इसके पहले कॉलर ने कहा, पहचाना। राजीव को आवाज अपने दोस्त इरफान जैसी समझ आई। राजीव ने जैसे ही इरफान नाम लिया। कॉलर ने कहा कि हां, वह इरफान बोल रहा है।
मां की बीमारी का बनाया बहाना
दरअसल, सिपाही के एक दोस्त का नाम इरफान है। ऐसे में राजीव ने कॉलर को इरफान समझ कर बात शुरू कर दी। इरफान बने कॉलर ने बताया कि उसकी मां की तबियत खराब है। कॉलर ने कहा कि वह वह अपने गूगल पे से राजीव के पास पैसे भेज रहा है। राजीव वह पैसे इरफान के रिश्तेदार के पास भेज दे। इसके बाद इरफान ने दो स्कैनर राजीव को मैसेज किया। साथ ही एक टेक्स्ट मैसेज भी भेजा, जिसमें 75 हजार रुपये राजीव को भेजने की बात लिखी थी। सिपाही राजीव ने मैसेज देखा। राजीव को भरोसा हो गया कि मैसेज दोस्त इरफान का ही है। राजीव ने अपना बैलेंस चेक नहीं किया। पहली बार में राजीव ने चालीस हजार और दूसरी बार में राजीव ने दस हजार रुपये इरफान के भेजे गए स्कैनर को स्कैन करके भेज दिया। राजीव को रुपये कटने का मैसेज मिल गया मगर रुपये आने का मैसेज नहीं मिला। इस पर राजीव ने बैलेंस चेक किया तो समझ आया कि उसके साथ ठगी हो गई। राजीव ने कर्नलगंज थाने में केस दर्ज कराया है।
ठगी से बच गया युवक
बैरहना के रहने वाले रोहित के पास चार दिन पहले एक फोन आया। कॉलर काफी देर तक खुद को पहचानने की बात करता रहा। इसके बाद जब उसने खुद को शर्मा जी बताया। कॉलर ने रोहित से कहा कि उसके फोन पे में दिक्कत है। वह तीस हजार रुपये रोहित के एकाउंट में भेजवा देगा। इसके बाद वह रोहित से तीस हजार रुपये फोन पे सही होने पर वापस ले लेगा। मगर रोहित कॉलर की बात से समझ चुका था कि वह साइबर अपराधी है। कुछ देर बाद जब रोहित ने बात करने की टोन बदली तो कॉलर की घिघ्घी बंध गई। रोहित ने मामले की शिकायत साइबर सेल से की है।