कट-पेस्ट करके मार्कशीट बदल दी, डिग्री निकलवाने में फंसे
प्रयागराज (ब्यूरो)। कुलाधिपति द्वारा सभी विद्यार्थियों को यथाशीघ्र डिग्री वितरित करने का निर्देश मिलने के उपरांत विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का डिग्री सेक्शन अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाकर डिग्री वितरण का कार्य तेजी से कर रहा है। परीक्षा विभाग के काउंटर से भी डिग्री लेने वालों की कतार लगी रहती है। कल दिन में एक युवक ने विश्वविद्यालय के अंक पत्र की छाया प्रति और आईडी प्रूफ के साथ डिग्री निकलवाने के लिए आवेदन किया। उक्त आवेदन पत्र जब डिग्री सेक्शन में पहुंचा तो उसके नामांकन संख्या का मिलान विश्वविद्यालय के डेटाबेस से किया गया तो वह फर्जी निकला। इसके बाद डिग्री लेने आए युवक से जब मूल अंकपत्र दिखाने को कहा गया तो वह बगलें झांकने लगा। स्कैन करके किया कट पेस्ट
संदेह गहराने पर जब परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह ने उससे गहन पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि किसी अन्य छात्र की अंकतालिका से छेड़छाड़ कर फर्जी ढंग से इसे तैयार किया है। एमए अंग्रेजी के जिस अंकपत्र पर डिग्री निकलवाई जा रही थी वह अंकपत्र जून 2013 की परीक्षा के उपरांत 6 दिसंबर 2013 को निर्गत है और परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह के हस्ताक्षर स्कैन करके उसमें लगाए गए हैं। जबकि देवेंद्र प्रताप सिंह मुक्त विश्वविद्यालय में 2013 में थे ही नहीं। इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए कुलसचिव डॉ। पीपी दुबे ने फाफामऊ थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी है। यह अंकपत्र गाजीपुर जिले के राजधारी सिंह स्मारक महाविद्यालय, गाजीपुर अध्ययन केंद्र का बताया जाता है। फर्जीवाड़े में संलिप्त शातिर ने डिग्री निकलवाने के लिए पहचान पत्र के रूप में जो आधार कार्ड लगाया था उस पर लालचंद प्रसाद नाम लिखा हुआ है जो कि आजमगढ़ का रहने वाला है।बाहरी व्यक्ति की इंट्री पर रोककुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने त्वरित कार्यवाही करते हुए इस फर्जीवाड़े को पकडऩे वाले कर्मचारियों को और मुस्तैदी से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा परीक्षा नियंत्रक देवेंद्र प्रताप सिंह को निर्देशित किया कि परीक्षा विभाग में किसी भी बाहरी सदस्य की एंट्री रोकी जाए। उन्होंने सी सी टी वी से भी निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए।