कमरे में मिली सीआरपीएफ जवान की बॉडी
प्रयागराज (ब्यूरो)। देवरिया जिले के रघुनाथपुर बरिहारपुर टोला निवासी रामकृष्ण प्रसाद का बेटा प्रभुनाथ प्रसाद सीआरपीएफ में सिपाही थे। उनकी पोस्टिंग इन दिनों में जम्मू कश्मीर में थी। प्रयागराज के थरवई थाना क्षेत्र स्थित पडि़ला में मिले आवास में उनका परिवार रहता था। परिवार में उनकी पत्नी रीना देवी व बेटी श्वेता और बेटा शुभम है। बेटी व बेटे मां के साथ यहीं पंडि़ला क्वाटर में रहा करते हैं। सीआरपीएफ का जवान प्रभूनाथ 22 दिसंबर 2022 से 19 जनवरी 2023 तक अवकाश लेकर यहां बच्चों पास आया हुआ था। कुल 29 दिनों के अवकाश पर रहा जवान रविवार की रात खाना पीना के बाद कमरे में सो गया। जैसा कि परिजन बताते हैं सुबह उसकी बॉडी उसी कमरे के अंदर पाई गई। परिवार में रोने पीटने की आवाज सुनकर आसपास रहने वाले जवान व उनके परिवार पहुंच गए। इसके बाद मामले की जानकारी थरवई थाने की पुलिस को हुई। पुलिस पहुंची और केस की छानबीन में जुट गई। तफ्तीश के बाद पंचनामा भरकर बॉडी को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। बॉडी को अपनी आंखों से देखने वाले चंद लोगों का दबी जुबान कहना था कि जवान के सिर व आंख पर चोट जैसे निशान थे। फिर भी पोस्टमार्टम के दौरान उसकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ। यहां डॉक्टरों को बिसरा प्रिजर्व करना पड़ा। जबकि परिवार का कहना था कि वह रात में सोए और सुबह कमरे में मृत अवस्था में मिले थे।
जवान की मौत से सिस्टम पर सवाल
कमरे के अंदर मिली सीआरपीएफ के जवान प्रभुनाथ प्रसाद की बॉडी का बिसरा प्रिजर्व किया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
बॉडी को अच्छी तरह देखने वाले कुछ लोग दबी जुबान कहते हैं कि उसके सिर व आंख पर चोट के निशान थे
जबकि परिवार का कहना है कि वह कमरे में सोने गया था और सुबह उसी रूम के अंदर मृत पाया गया
उधर पुलिस का कहना है कि कमरे में कोई ऐसी चीज नहीं मिली जिससे किसी तरह के शक और सुबह की संभावना हो
थरवई थाने की पुलिस उसकी बॉडी पर कोई चोट के निशान से इंकार करती है, हालांकि लोग बताते हैं कि भरे गए पंचनामा में चोट का जिक्र किया गया है।
इन परिस्थितियों में उसकी मौत को हार्टअटैक मान रही पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार देर शाम तक करती रही।
उधर पोस्टमार्टम में डॉक्टरों द्वारा मौत का कारण जानने के लिए जवान की बॉडी का बिसरा प्रिजर्व किया गया है
यह स्थिति पूरे सिस्टम को संदेह और शक के दायरे में लाकर खड़ी कर दी है, पूरा प्रकरण निष्पक्ष जांच का विषय बन गया है
क्योंकि परिवार कहना है कि रात में खाना खाने के बाद वह कमरे में सोने के लिए गए और सुबह मृत पाए गए
यदि ऐसा है तो फिर रात में कमरे के अंदर सोते समय उसके सिर पर व आंख पर चोट कैसे आई यह एक बड़ा सवाल है
यदि उसके सिर व आंख पर चोट के निशान थे तो थरवई पुलिस चोट बताने के बजाय झूठ क्यों बोलती रही
किसी भी व्यक्ति की मौत की स्थिति संदिग्ध लगे या जहर देने अथवां खाने की आशंका हो तो तब बिसरा प्रिजर्व किया जाता है
लोकेंद्र त्रिपाठी, थाना प्रभारी थरवई