कटान रोकने सहित क्राउड मैनेजमेंट करेगी एप्रोच रोड
प्रयागराज (ब्यूरो)।लगातार हो रही गंगा की कटान मेला प्राधिकरण के साथ जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इससे निजात दिलाने के लिए कई बार बैठकों का आयोजन किया गया। इस बार महाकुंभ 2025 को देखते हुए आठ एप्रोच मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया है। यह पूरी तरह से इंटर लाकिंग मार्ग होंगे और इन्हें करोड़ों की लागत से तैयार कराया जाएगा। इनमें से तीन मार्ग गंगा के दोनों ओर से निर्मित होंगे और इनके जरिए संगम तक पहुंचना आसान होगा। साथ ही कटान को रोकने का काम भी करेंगे। एप्रोच मार्ग को बनाने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था बाढ़ कार्य खंड प्रयागराज (सिंचाई विभाग) को दी गई है। यह विभाग गंगा और यमुना नदी के दाएं और बाएं किनारे पर एप्रोच मार्ग बनाएगा।
तीन मार्गों का खींचा गया खाका
फिलहाल गंगा किनारे तीन एप्रोच मार्गों का खाका खीच लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि हर साल गंगा की कटान बढऩे से मेला गंगा पार झूंसी की ओर खिसकता जा रहा है। कटान से खतरा भी बना रहता है। सिचाई कार्य मंडल के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इसे रोकने के लिए कोई न कोई प्रबंध करना जरूरी हो गया था। जिससे में महाकुंभ 2025 में श्रद्धालु आसानी से संगम पहुंच सकें और साथ ही कटान को भी रोका जा सके।
एप्रोच मार्ग नंबर एक
यह मार्ग गंगा नदी के दाएं किनारे पर स्थित नागवासुकी मंदिर के 500 मीटर डाउन स्ट्रीम से दशाश्वमेघ घाट, दारागंज तिराहा होते हुए शास्त्री पुल के मध्य तक कटान रोकने का काम करेगा। यह इंटर लाकिंग मार्ग की लंबाई 1.70 किमी और चौड़ाई 18 मीटर रखी गई है। इस मार्ग के जरिए प्रयाग स्टेशन से मेला एरिया में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी आराम मिलेगा।
एप्रोच मार्ग नंबर दो
गंगा के दाएं किनारे पर स्थित रसूलाबाद घाट से चंद्रशेखर आजाद सेतु के नीचे से गंगेश्वर मंदिर, अमिताभ च्च्चन पुलिया से होते हुए नागवासुकी संपर्क मार्ग तक यह यह इंटर लाकिंग मार्ग कटान को रोकने का काम करेगा। इसकी एप्रोच मार्ग की लंबाई 7.8 किमी और चौड़ाई दस मीटर होगी। इस मार्ग के निर्माण से लखनऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर और रायबरेली आदि से आने वाले श्रद्धालुओं को शहरी एरिया से बाहर बाहर संगम जाना सुलभ होगा।
एप्रोच मार्ग नंबर तीन
गंगा के बाएं किनारे स्थित पूरे सूरदास से पीडब्ल्यूडी स्टोर, ओल्ड जीटी रोड, गरीब दास आश्रम और काली रैंप होते हुए छतनाग तक कटान को रोकने के लिए 4.8 किमी लंबा और 15 मीटर चौड़ा इंटरलाकिंग मार्ग बनाया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण से पूर्वांचल के जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को संगम तक जाने में आसानी होगी। साथ ही भीड़ को नियंत्रित भी किया जा सकेगा।