'दाग' लगा सकता है 'दागी' स्लीपर
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करोड़ रुपए की लकड़ी लगाई जा रही मेला एरिया में बने पांटून पुलों में 45000 स्लीपर (लकडि़यां) पांटून पुल के लिए पीडब्लूडी ने मंगाई है 22 पांटून पुल कुंभ मेला एरिया में बनाए जाने हैं 08 इंच चौड़ाई का मानक निर्धारित है प्रति स्लीपर की 05 इंच प्रति स्लीपर की मोटाई का मानक किया गया है निर्धारित कुंभ मेला में बनाए जा रहे पांटून पुल में प्रयोग किए जा रहे घटिया स्लीपर पुल की एक भी लकड़ी हुई डैमेज तो हो सकता है बड़ा हादसा mukesh.chaturvedi@inext.co.inPRAYAGRAJ: देश-विदेश में कुंभ मेला की खास छवि पेश करने में जुटी सरकार की मंशा पर अधिकारियों की लापरवाही पानी फेर सकती है। मेला एरिया में बनाए जा रहे पांटून पुल में लगाए जा रहे स्लीपर की क्वालिटी मानक के अनुसार नहीं है। पुल पर लोड बढ़ने की स्थिति में यह डैमेज हो सकती है। ऐसा हुआ तो स्थिति कितनी विकट हो सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
गुणवत्ता ने बढ़ायी आशंकामेला में पांटून पुल बनाने के लिए पीडब्लूडी विभाग को करीब 90 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस पैसे से विभाग को पांटून पुल में लगाई जाने वाली साखू और सागौन की स्लीपर यानी लकडि़यां मंगाने के निर्देश हैं। पीडब्लूडी इन लकडि़यों को वन निगम से मंगा रहा है। कुल 45 हजार के करीब स्लीपर मंगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि इनमें ज्यादातर स्लीपर घुन खाए हुए हैं। ऐसी भी लकडि़यां लगाई जा रहीं हैं जो बीच से चटकी हुई हैं। कुछ को छोड़ अधिकांश स्लीपर की गुणवत्ता घटिया है। कहा जा रहा है कि मेला में पुल पर लोड बढ़ा और एक भी लकड़ी डैमेज हुई तो स्थिति बिगड़ सकती है। इन लकडि़यों की लंबाई 14 फिट, चौड़ाई 08 इंच व मोटाई 05 फिट इंच निर्धारित है। बुधवार की रात पीपा पुल से ट्रक नदी में गिरने के बाद भाजपाइयों ने ही इसे मुद्दा बनाया और पुल में लगी लकडि़यों के साथ नट-बोल्ट की क्वालिटी की जांच कराने की मांग की है।
वन निगम के सिर फोड़ रहे ठीकरा पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों के अनुसार स्लीपर वन निगम छत्तीसगढ़ रायपुर व पंजाब से मंगा रहा है एक तरह से वन निगम से पीडब्लूडी स्लीपर की खरीद कर रहा है। गुणवत्ता की परख के लिए वन निगम की कमेटी है। कमेटी जांच के बाद लकडि़यों यानी स्लीपर को भेज रही है गुणवत्ता चेक करने की जिम्मेदारी वन निगम की है।वन निगम ने लकडि़यों की जांच के लिए टीम बना रखी है। छत्तीसगढ़ व पंजाब सहित अन्य जगहों से लकडि़यां आ रही हैं। हमारा काम पुल बनाने का है, जो हम कर रहे हैं। स्लीपर की गुणवत्ता जाननी है तो वन निगम से बात कर लें।
विवेक पचौरी, अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड-4 कुंभ स्लीपर के जांच की कमेटी सीधे लखनऊ से गठित की गई है। जिले से इसका कोई सरोकार नहीं है। फिर भी यदि पीडब्लूडी पैसा देकर स्लीपर मंगा रहा है तो उसे खुद भी गुणवत्ता चेक करनी चाहिए। पीडब्लूडी के जेई भी जांच टीम में शामिल हैं। एसएन सिंह, आरएम, वन निगम पीडब्लूडी द्वारा पुल में लगाई गई लकडि़यों व नट बोल्ट एवं उसकी गुणवत्ता की जांच कर कार्रवाई की जाय ताकि असलियत सामने आये और जो भी दोषी मिले उस पर कार्रवाई की जाय। दिवाकर नाथ त्रिपाठी भाजपा नेता, काशी क्षेत्र