बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के आदेश पर बाल सुधार गृह राजरूपपुर में रखे गए 18 बच्चेतीन बच्चों की उम्र दस वर्ष से कम उम्र होने पर राजकीय बाल गृह में किया गया शिफ्टप्रयागराज जंक्शन पर गुरुवार को मानव तस्करी हयूमन ट्रैफिकिंग के शक में महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन उतारे गए 32 में से 21 बच्चे नाबालिग मिले हैं. इन बच्चों में 18 को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अखिलेश मिश्र के आदेश पर बाल गृह राजरूपपुर में रखा गया है. तीन बच्चों की उम्र दस से कम पाई गई तो उन्हें राजकीय बाल गृह शिशु खुल्दाबाद में रखा गया है. शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने सभी बच्चों का बयान दर्ज किया. बच्चों की काउंसिलिंग की गई. अध्यक्ष अखिलेश मिश्र के मुताबिक ज्यादातर बच्चे स्कूल में पढऩा चाहते हैं. उन्हें नहीं पता था कि मदरसे का उस्ताद अब्दुल रब उन्हें क्यों ले जा रहा था. डीएम को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी गई है. इसमें कहा गया है कि बच्चे जबरन ले जाए जा रहे थे. परिवारवालों को बुलाकर बात की जानी चाहिए. बच्चे पढऩा चाहते हैं तो प्राथमिक विद्यालयों में इनकी पढ़ाई का इंतजाम हो.


प्रयागराज (ब्यूरो)। ट्रेन से बच्चों को लेकर जाने वाले वाला अब्दुल रब फतेहपुर के गौंती में स्थित मदरसा जामिया दायरा अरकान में अध्यापक है। उसके साथ मो। वासिल निवासी सोनबरसा राज, सहरसा बिहार भी था। इन दोनों से जीआरपी पूछताछ कर रही है। पूछताछ में सहरसा के रहने वाले एहतेशाम का नाम सामने आया है। सीडब्ल्यूसी की पूछताछ में साफ हुआ कि एहतेशाम पहले भी बच्चों को बिहार और पश्चिम बंगाल से ले जा चुका है। पुलिस एहतेशाम की भूमिका को संदिग्ध मान रही है।

देर रात तक लिखते रहे तहरीर
बच्चों को उतारे जाने के बाद जंक्शन पर मौलवी के नमाज पढऩे के मामले में शुक्रवार देर रात तक जीआरपी की तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। जीआरपी इंस्पेक्टर का कहना था कि आरपीएफ की तरफ से तहरीर पर मिलने पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्राप्त हुआ है। समाचार लिखे जाने के समय तक आरपीएफ की तरफ से तहरीर थाने में नहीं दी गयी थी। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने जीआरपी इंस्पेक्टर के सीयूजी नंबर पर कॉल कर जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि आरपीएफ द्वारा तहरीर लिखा जा रहा है। तहरीर प्राप्त होते ही मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। यह मुकदमा नामजद लिखा जाएगा क्योंकि सबका नाम व चेहरा क्लियर है।

Posted By: Inextlive