भ्रष्टाचार+लापरवाही=कार्रवाइ
प्रयागराज (ब्यूरो)। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का ट्रांसफर होने के बाद उनकी जगह बतौर एसएसपी अजय कुमार को जिले की कमान सौंपी गई। आते ही नए कप्तान के रूप में अजय कुमार ने महकमे से लेकर पब्लिक तक को सख्त मैसेज देने की कोशिश की। उन्होंने पहले दिन से ही जवानों को हरकत से बाज आने की हिदायत दे दी थी। इसके बाद धीरे-धीरे उनके कार्यकाल का दिन आगे बढऩे लगा। वह खुद थानों और चौकियों का निरीक्षण शुरू किए। इस दौरान जो खामियां मिलीं उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और उन्हें विभाग के मातहतों के बारे में सब कुछ मालूम होता चला गया। इस बीच सरकार तक को झकझोर देने वाली कई सनसनीखेज मर्डर जैसी घटनाएं भी सामने आईं। इनमें सामूहिक हत्याएं भी शामिल हैं। चोरी व लूट की भी कुछ घटनाएं ऐसी रहीं जिससे पुलिसिंग पर सवाल खड़े हुए। पुलिस की लापरवाही सामने आती गई और कप्तान कार्रवाई करते गए। किसी को सस्पेंड किए तो कइयों की कुर्सी छीनकर लाइन भेज दिए। उनके द्वारा की गई कार्रवाई पर गौर करें तो अब तक करीब 132 जवानों पर गाज गिर चुकी है। एसएसपी द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई के बावजूद उनके कुछ मातहतों की कार्यशैली में चेंज नहीं आ रहा। परिणाम अब भी उनके जरिए इस तरह कार्रवाई जारी है।
शहर कोतवाल नरेंद्र भी सस्पेंडवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रुख को देखने के बावजूद थानों पर तैनात मातहतों में सुधार नहीं हो रहा। शायद इसी का परिणाम है कि बुधवार को शहर कोतवाली नरेंद्र प्रसाद को भी एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड किए गए कोतवाली प्रभारी नरेंद्र पर सरकारी कार्यों में घोर लापरवाही व उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता जैसे गंभीर आरोप हैं। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र को सस्पेंड करने के बाद उन्होंने महकमें के जवानों को सख्त संदेश दिया। कहा है कि जनता से खराब व्यवहार करने, भ्रष्टाचार, कदाचारी एवं अपराधियों व दबंगों और जुआरियों एवं सट्टेबाजों व दलालों से साठ गांठ रखने वाले मातहतों को बख्शेंगे नहीं।
एसएसपी की कार्रवाई पर नजर
पद संख्या
निरीक्षक 04
उप निरीक्षक 23
मुख्य आरक्षी 01
आरक्षी 16
कुल 44
निलंबित किए गए जवान
निरीक्षक/थाना प्रभारी 06
उप निरीक्षक 28
मुख्य आरक्षी 16
आरक्षी 37
अनुचर 01
कुल 88
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44 + 88 = 132
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अजय कुमार
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज