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से पांच एप्लीकेशन जमा होते थे सामान्य समय में हर दिन सिटी में

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कोर्ट मैरिज सिटी में होते थे पर-डे

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एप्लीकेशन आए 17 अप्रैल से 23 मई तक

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एप्लीकेशन जमा हुए थे जनवरी से 17 अप्रैल तक कोर्ट मैरिज के लिए

शुभ मुहूर्त होने के बावजूद टल रही शादियां, विवाह की तिथियों में हो रहा बदलाव

वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण ने आम जनजीवन पर गहरा असर डाला है। इसका असर शादियों पर भी पड़ा है। शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त होने के बावजूद शादियां टल रही है। सिटी के मंदिरों, बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल व गेस्ट हाउस में सन्नाटा पसरा है। वहीं कोर्ट मैरिज का ग्राफ भी बिल्कुल नीचे आ गया है।

शादियों की डेट कर रहे हैं चेंज

गेस्ट हाउस एसोसिएशन के मुताबिक कोरोना के कारण प्रयागराज में अप्रैल-मई के दौरान लगभग 12 हजार से अधिक शादियां फिक्स थी, पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन और शादी समारोह में मेहमानों की कम संख्या होने के चलते शादियों की डेट आगे बढ़ाने को लोग विवश हुए। यही नहीं कोर्ट मैरिज करने वाले कपल की संख्या भी बिल्कुल न के बराबर हो गई है।

एक कपल ने ही की शादी

17 अप्रैल से 23 मई तक कचहरी स्थित रजिस्ट्री कार्यालय शादी के निबंधन के लिए मात्र 9 आवेदन प्राप्त हुए थे।

इन 36 दिनों में सिर्फ एक ही कपल ने कोर्ट मैरिज किया।

जबकि सामान्य दिनों में जनवरी से अप्रैल तक हिंदू मैरिज एक्ट के तहत करीब 450 शादी के लिए निबंधन हुआ था।

जिसमें से 178 कोर्ट मैरिज हुए। वहीं दूसरी और कोविड की दूसरी लहर शुरू होने के पूर्व प्रतिदिन कोर्ट मैरिज के लिए निबंधन के लिए औसतन चार से पांच अप्लीकेशन आते थे।

अब हालात सुधरने का है इंतजार

रजिस्ट्री ऑफिस के जानकारों के अनुसार कोर्ट मैरिज का ग्राफ अगले लग्न में भी इसी तरह से रहेगा। यही नहीं कोरोना के कारण शादियों की संख्या ही नहीं बल्कि जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री भी घट गई है। गेस्ट हाउस एसोसिएशन की मानें तो जून और जुलाई में भी 10 से अधिक लगन है। अगर सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं दी गई तो यह लग्न भी अप्रैल-मई की तरह ही जाएगा।

आगे भी है शादी के लग्न

जून - 3, 4, 16, 20, 22, 24

जुलाई - 1, 2, 7, 13, 15

इस बार 95 परसेंट शादियां टाली गई हैं। अप्रैल व मई की शादियां कैंसिल करा कर ज्यादातर लोगों ने जून और जुलाई की डेट ले रखी है। उनको पूरी तरह से उम्मीद थी कि इस समय कोरोना केस कम हो जाएगा और सरकार की तरफ से छूट दी जाएगी। लेकिन स्थितियां ज्यादा बेहतर नहीं दिख रही है।

गुफरान अहमद, इलाहाबाद गेस्ट हाउस एसोसिएशन उपाध्यक्ष ( मधुर मिलन गेस्ट हाउस)

जब तक सरकार संख्या नहीं बढ़ाएगी तब तक शुभ मुहूर्त में होने वाली शादियां ढलती रहेंगी। सरकार अगर गेस्ट हाउस की क्षमता का भी 50 प्रतिशत की अनुमति दे दे तो भी कुछ राहत गेस्ट हाउस व इससे जुड़े तमाम लोगों को मिलेगी। अब तो बस अगले गाइडलाइन का आने का इंतजार है।

अतिन गुप्ता, सुधा वाटिका

इस व्यापार से जुड़े ज्यादातर व्यक्ति इस समय कर्जदार हो गया है। पूरे साल में गिने चुने ही लगन होते हैं। हर गेस्ट हाउस में 20 से 22 शादियां कैंसिल हुई हैं। अगर कहीं 5 परसेंट भी शादी हुई है तो वह लोग भी अपने निजी आवास या फिर घरों के बाहर से किए हैं। क्योंकि मेहमानों की संख्या बहुत कम थी।

विपिन अग्रवाल, लक्ष्मी गार्डन गेस्ट हाउस

Posted By: Inextlive