- सरकार के आदेश के बाद इंश्योरेंस कंपनियों ने कोविड को प्लान में किया शामिल

- लागू की गई हैं शर्ते, मरीज इलाज के दौरान कर रहे हैं क्लेम

- कुछ कंपनियों के रवैये में अभी भी नही हुआ है सुधार

प्रयागराज- कोविड काल में अपना हेल्थ इंश्योरेंस एक बार फिर चेक कर लें। ऐसा तो नही कि उसमें कोई बदलाव हुआ है या इस प्लान में कोविड 19 को शामिल करने की गुंजाइश हो। कुछ इंश्योरेंस कंपनियां शर्तो के साथ ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कोरोना को प्लान में कवर करने के लिए प्रीमियम की राशि बढ़ा दी है। ऐसे और भी बदलाव किए गए हैं लेकिन पॉलिसी होल्डर्स को इसका अंदाजा नही है। ऐसे में वह कोविड पाजिटिव होने के बावजूद क्लेम नही कर पाते हैं।

सरकार के रुख के बाद हुआ बदलाव

पिछले साल कोरोना संक्रमण फैलने पर लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों से इस बीमारी को कवर करने की रिक्वेस्ट की थी जिसे नकार दिया गया था। लोगों की नाराजगी पर सरकार ने इन कंपनियों से कोरोना रिस्क को कवर करने के आदेश दिए थे। इसके बाद एचडीएफसी और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जैसी कंपनियां आगे आई। इन्होंने अपने लाभार्थियों को कोरोना होने पर काफी हद तक खर्च की भरपाई भी की।

दस फीसदी बढ़ा दिया प्रीमियम

जिन लोगों ने पूर्व में लाखों रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है उनको अपनी कंपनी से बात करनी चाहिए। इन कंपनियों ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए प्रीमियम की राशि में दस फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है। यह राशि कोरोना रिस्क को कवर करने के लिए बढ़ाई गई है। जो लोग अवेयर हैं उन्होंने इस रूल को फॉलो करना शुरू कर दिया है।

क्लेम करने वालों की बढ़ी संख्या

यूनाइटेड मेडिसिटी हास्पिटल में कोविड मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यहां सरकारी दरों पर मरीजों का इलाज चल रहा है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि हमारे यहां कुछ कंपनियों ने अच्छा रिस्पांस दिया। उनके मरीजों का क्लेम का पेमेंट कर दिया गया। कुछ कंपनियां आज भी पेमेंट नही दे रही है या कम दे रही हैं। सरकार ने 6 हजार से लेकर 13 हजार तक जो दरें तय की हैं। यह कंपनियां उससे कम देने की बात कर रही हैं। वह सरकार की दरों को अमान्य कर रही हैं। यही कारण है कि हॉस्पिटल कई मरीजों के इलाज में नुकसान उठाना पड़ा है। यश हॉस्पिटल के मैनेजमेंट का कहना है कि इस बार कुछ मरीजों ने क्लेम किया है। वही कई मरीज ऐसे भी हैं जिनका हेल्थ इंश्योरेंस है लेकिन उन्होंने अप्लाई नही किया। इसके पीछे क्या कारण है इसका पता नही है।

किसके लिए फायदेमंद और किसके लिए नुकसानदेय

इंश्योरेंस कंपनियों के मुताबिक, वर्तमान पॉलिसी होल्डर्स को दिक्कत नहीं आएगी लेकिन, नई पॉलिसी के लिए वेटिंग पीरियड की शर्तें जुड़ सकती हैं। हालांकि ये शर्तें भी मरीज की स्थिति पर निर्भर रहेंगी। अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है, तो इंश्योरेंस कंपनी उसकी हालत का मुआयना करेगी। इसके बाद पॉलिसी जारी करेगी। जो लोग कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद हेल्थ पालिसी प्लान कर रहे हैं उनको अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। कुछ कंपनियों ने सरकार ने आदेश के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक कदम नही उठाया है।

हमारे यहां स्टार और सीजीएचएस के मरीजों ने अप्लाई किया था और किसी कंपनी के लोगों ने अभी तक क्लेम नही किया गया है।

डॉ अवनीश सक्सेना, यश हॉस्पिटल

एचडीएफसी और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की पेमेंट ठीक थी। कुछ कंपनियों ने सरकार के नियम को फालो नही किया। वह कम दरों पर पेमेंट कर रही हैं।

डॉ। प्रमोद कुमार, यूनाइटेड मेडिसिटी

सरकार ने तो आदेश दिया है लेकिन हमारे मैनेजमेंट न अभी तक कोई आदेश नही भेजा है। कोई डायरेक्शन आने पर फिर लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी।

देवेंद्र सिंह, हेल्थ इंश्योरेंस एजेंट

Posted By: Inextlive