पांच अप्रैल को कोरोना की हुई थी 'इंट्री'
- जिले में पांच अप्रैल को सामने आया था पहला कोरोना पाजिटिव
- शाहगंज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिपे थे दिल्ली के मरकज में शामिल हुए सात इंडोनेशियाई नागरिक इतिहास खुद को दोहरा रहा है। पिछले साल पांच अप्रैल 2020 को प्रयागराज का पहला कोरोना पाजिटिव सामने आया था। दिल्ली के मरकज में शामिल हुए सात इंडोनेशियाई नागरिकों में यह व्यक्ति भी शामिल था। यह लोग ट्रेन से बिहार जा रहे थे और प्रयागराज में पकड़े जाने के डर से ट्रेन से उतरकर शाहगंज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिप गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में मस्जिद से कुल नौ लोगों को बरामद किया था। कुल 11 लोगेां के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। कोटवा में हुआ था भर्तीभेजे गए 11 सैंपल में पहले आठ सैंपल निगेटिव आए थे। इसके बाद पांच अप्रैल को बाकी तीन सैंपल की रिपोर्ट आई तो इसमे इंडोनेशियाई नागरिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसे तत्काल करेली के एक गेस्ट हाउस में रातों रात शिफ्ट किया था। फिर उसे कोटवा स्थित एल वन कोरोना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाकी सभी निगेटिव तबलीगियों को करेल के एक गेस्ट हाउस में रखा गया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
पहला हॉट स्पॉट बना था शाहगंज
पहला पाजिटिव केस सामने आने के बाद पूरे शहर में खलबली मची थी। चूंकि देशभर में लॉक डाउन लग चुका था ऐसे में लोग घरों से बाहर नही निकल रहे थे। छह अप्रैल को शाहगंज की अब्दुल्ला मस्जिद के दोनों ओर का एरिया सीज कर दिया गया था। बांस-बल्ली लगाकर लोगों का आवागमन रोका गया था और यह शहर ही नही जिले का पहला हॉट स्पॉट घोषित किया गया था। घर-घर चलाया जा रहा था सर्च अभियान इसके साथ कोरोना पीरियड में घर-घर सर्च अभियान चलाया जा रहा था। फरवरी मार्च 2020 में स्वास्थ्य विभाग को कोरोना प्रभावित देशों से आए लोगो की सूची प्राप्त हो गई थी। इनकी संख्या 845 थी। बाद में इनमें से 806 को ट्रेस किया जा सका था। एक दिन में मिले थे तीन कोरोना पॉजिटिवहालांकि अप्रैल महीने की 24 तारीख प्रयागराज के लिए ठीक नहीं था। इस दिन एक साथ तीन मरीज सामने आए थे जिसके बाद पूरा प्रशासन हिल गया था। इनमें दो सगे भाई थे जो शंकरगढ़ में अपने पिता के अंतिम संस्कार में मुंबई से आए थे। इनकी जांच में रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। वहीं तीसरा केस शिवकुटी के शंकरघाट एरिया का था। यह युवक वाराणसी अपने दोस्त को छोड़ने गया था और वहां से लौटने के बाद जांच में यह भी पाजिटिव पाया गया था।
शुरुआत में जिस तरह से केसेज सामने आए थे वह रफ्तार धीमी थी लेकिन लोगों के बीच कोरोना एक नई बीमारी थी। लोगों में दहशत थी। मेडिकल स्टाफ भी काफी सहमा था। बावजूद इसके हमने सरकार की गाइड लाइन को फॉलो करते हुए प्रत्येक केस को हैंडल करने की कोशिश की थी। डॉ। ऋषि सहाय, पूर्व नोडल कोविड