पत्नी तो कोरोना पॉजिटिव होकर भी करती रहीं घर के काम
मुझसे शुरूआत हुई थी। कहां से संक्रमण मेरी शरीर में पहुंचा पता नहीं चला। सोशल लाइफ है। तमाम लोगों से मिलना-जुलना है। संभव है कि यहीं कहीं से आया होगा। कोरोना संक्रमण का पता चलते ही मैं एलर्ट हो गया। कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था। इसलिए आइसोलेट करने के साथ पूरी परिवार का टेस्ट करवाया। छोटे बेटे जयवर्धन की रिपोर्ट निगेटिव आयी तो उसे ससुराल भेजवा दिया और बाकी सबने मिलकर कोरोना से लड़ने का फैसला लिया।
अब सबकी रिपोर्ट है निगेटिवयह कहानी है आनंद श्रीवास्तव की। व्यवसाय के साथ वह भाजपा से भी जुड़े हुए हैं। आनंद बताते हैं कि घर में पत्नी शोभना श्रीवास्तव और बड़ा बेटा हर्षवर्धन ही रह गये थे। हमने घर में ही रहने का फैसला लिया। मेड को मना कर दिया गया था। अब समस्या थी सुबह काढ़ा बनाने से लेकर सभी के लिए ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर तैयार करने की। इस जिम्मेदारी पत्नी ने उठायी। मेरा आक्सीजन लेवल 90 तक पहुंच गया तो परिवार की चिंता बढ़ गयी। डॉक्टर से बात हुई तो उन्होंने हौसले के साथ मुकाबला करने को कहा। इससे थोड़ा संबल मिला तो आक्सीजन बढ़ाने वाली एक्सरसाइज पर फोकस करने लगे। इसके अलावा क्लाटिंग न होने पाए, इससे रिलेटेड एक्सरसाइज भी करते रहे। तीनो मिलकर एक-दूसरे का सहारा बनते थे। लम्बे समय बाद इतना वक्त साथ गुजारने के लिए मिला था। इसी दौरान परिवार की ताकत का एहसास हुआ। दोस्त-यार और रिश्तेदार भी हालचाल लेते रहते थे। इससे मनोबल बढ़ता चला गया। अब हम सब कोरोना को मात दे चुके हैं। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। कोरोना से लड़ाई लड़ने वालों से इतना ही कहना चाहूंगा कि हौसला न छोड़ें। प्रिकॉशन फॉलो करें और सोच पॉजिटिव रखें।