कोरोना को हराना है, पब्लिक ने भी ठाना है
जागरूक लोग खुद कोरोना को मात देने के लिए पुलिस व प्रशासन का दे रहे साथ
अति व्यस्त रहने वाली मार्केट और सड़कों पर बुधवार को भी दिखायी दिये कम लोग व्यापारियों व अधिवक्ताओं और शिक्षकों सहित अन्य वर्गो का दिखा जबदस्त सपोर्टPRAYAGRAJ: देश ही नहीं विदेश तक प्रयागराज की पहचान यूं ही नहीं है। इंसान और इंसानियत व वतन पर जब भी संकट के बादल घिरे, यहां के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर सामना किया। जंगे-ए-मैदान में कूद पड़े। कोरोना से आजादी की चल रही जंग में पब्लिक का साथ और सहयोग बेशक एक बार फिर जिले का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। चंद लोगों को छोड़ दिया जाय तो हर कोई इस लड़ाई में खुद को झोंक दिया है। व्यापारियों, अधिवक्ताओं और पुलिस व डाक्टर्स व शिक्षक से लेकर हर वर्ग के लोग इस लड़ाई में पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। यही वजह है कि बुधवार को शहर के अंदर की अति व्यस्त रहने वाली सड़कों पर भी सन्नाटे का आलम रहा। कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए ज्यादातर लोग घरों में ही कैद रहे। दुकानें खुली जरूर रहीं, मगर यहां सोशल डिस्टेंस का खूबसूरत मैनेजमेंट भी नजर आया।
ज्यादातर लोग घरों में रहे कैदसिटी का हार्ट कहे जाने वाले चौक जैसे पॉश एरिया में भी बुधवार को सन्नाटे जैसी स्थिति रही। आम दिनों में यहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है, वहां की सड़कों पर लोग गाडि़यां दौड़ाते नजर आए। कमोवेश यही हाल कटरा और शाहगंज की मार्केट का भी रहा। दो दिनों के बाद खुली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में भी फरियादी तो दूर यहां अधिवक्ताओं की संख्या भी पहले की अपेक्षा न के बराबर रही। कोर्ट पहुंचे चंद अधिवक्ताओं ने कोरोना संक्रमण को इसकी वजह बताई। छोटे-मोटे कार्यो के लिए तमाम अधिवक्ता कोर्ट न आकर कोरोना के चेन को तोड़ने की छिड़ी जंग में शामिल नजर आए। घुमक्कड़ी किस्म के लोग भी खुद को घरों में ही कैद किए रहे। यही तमाम वजहें रही हैं कि इलाका सिविल लाइंस का रहा हो या फिर कटरा, चौक, तेलियरगंज, सुलेमसराय, खुल्दाबाद, शाहगंज का, हर जगह सन्नाटे की स्थिति रही। यह सन्नाटा इस बात की गवाही दे रहा था कि कोरोना से जंग लड़ने में अब पब्लिक खुद उतर पड़ी है। इस सन्नाटे को देखते हुए लोगों का कहना था कि पब्लिक का यह सपोर्ट निश्चित रूप से इस महामारी को मात देने में जल्द ही कामयाबी दिलाएगी।
काश इनकी भी खुल जाती आंखकाश ई-रिक्शा और टैक्सी व बस चालकों की भी आंख खुल जाती और वह कोरोना की गंभीरता को समझ पाते
बुधवार को सड़कों व चौराहों पर सबसे ज्यादा संख्या इन्हीं लोगों की देखने को मिली, वह भी बगैर सोशल डिस्टेंस के इन वाहनों में इनके जरिए जिन सवारियों को बैठाया गया था बुधवार को उनके बीच सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते रहे इन वाहनों में सोशल डिस्टेंस का नियम तो टूटा ही यात्री मास्क लगाना तक मुनासिब नहीं समझ रहे थे लोगों की मानें तो यदि यह वाहन चालक भी अन्य वर्ग की तरह सपोर्ट कर दें तो कोरोना के संक्रमण का फैलाव जल्द रुक सकता है पुलिस के कंधे पर डबल जिम्मेदारी कोरोना की वजह से तमाम लोगों का काम भले घटा हो पर पुलिस का काम बढ़ गया है पुलिस के जवान इन दिनों डबल जिम्मेदारी का बोझ उठा रहे हैं, एक पब्लिक तो दूसरा परिवार की सुरक्षा का कोरोना से पब्लिक को बचाने की कशमकश में जवान खुद की जिंदगी को खतरे में डाल दिए है पुलिस के कई जवान व अफसर ऐसे हैं जिनकी वजह से कोरोना उनके घर की डेहरी लांघ चुका हैकिसी की बेटी संक्रमित हो गई तो किसी का बेटा, कुछ के मां, बाप व पत्नी भी इस संक्रमण के शिकार हैं
एक तरफ परिवार में संक्रमित व्यक्ति की चिंता तो दूसरी ओर इनके ऊपर पब्लिक की सुरक्षा का दायित्व है। कोरोना से चल रही लड़ाई में जिले के तमाम लोगों का सपोर्ट सराहनीय है। चंद लापरवाह लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या अब कम ही है। पुलिस के तमाम अफसर व जवान जिन परिस्थितियों में काम कर रहे वह सराहनीय है। सर्वेश्रेष्ठ त्रिपाठी, डीआईजी/एसएसपी