पुलिस अभिरक्षा में मारपीट, टार्चर के बाद मौत सभ्य समाज के खिलाफ: कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस अभिरक्षा में मौत के आरोपित शहडोल, मप्र के पुलिस कांस्टेबल शेर अली की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस अभिरक्षा में मारपीट, टार्चर के बाद मौत सभ्य समाज के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घटनाओं को लेकर नाराजगी जताई है। आरोपित की रिहाई की गई तो मुकदमे का विचारण प्रभावित हो सकता है। यह आदेश जस्टिस समित गोपाल ने शहडोल के पुलिस कांस्टेबल शेर अली की अर्जी पर दिया है।

अपहरण कर हत्या का आरोप

वाराणसी के संजय कुमार गुप्ता ने अदालत से आदेश कराकर शहडोल पुलिस के खिलाफ अपने पिता गोरखनाथ उर्फ ओम प्रकाश गुप्ता का अपहरण कर हत्या करने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई है। दरोगा शंखधर द्विवेदी, शेर अली, दिग्विजय पांडेय, जगत सिंह, आर राजन, सुरेश प्रसाद अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल व कुमार गेस्ट हाउस में ठहरे एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपित बनाया गया है। वाराणसी के लंका थाना में दर्ज प्राथमिकी में शहडोल पुलिस पर अपहरण कर हत्या का आरोप है। पुलिस घर से ओमप्रकाश को पकड़कर ले गई थी। शिकायतकर्ता वाराणसी के थानों में पता लगाने के लिए भटकता रहा। एसएसपी से भी शिकायत की। दो मार्च, 1997 को फूलपुर पुलिस ने बताया कि शहडोल कोतवाली से सूचना आई है कि ओमप्रकाश गुप्ता की मौत हो गई है। घर वाले शहडोल गए, तो पुलिस ने लाश वाराणसी नहीं लाने दी, धमकाकर वहीं अंतिम संस्कार करा दिया। वहां अखबारों में पुलिस अभिरक्षा में मौत की खबर छपी थी। वाराणसी आने पर पुलिस को जानकारी दी तब भी मुकदमा नहीं लिखा गया। इस पर कोर्ट की शरण ली। जांच पुलिस से हटाकर एसआइएस (स्पेशल इनक्वायरी सेक्शन) को सौंपी गई, जिसने 23 अक्टूबर, 1998 को फाइनल रिपोर्ट पेश की। शिकायतकर्ता की आपत्ति पर सीजेएम वाराणसी ने रिपोर्ट अस्वीकार करते हुए पांच जून, 2007 को अभियुक्तों को समन जारी किया। हाजिर नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कोतवाली में मौत के बाद अस्पताल ले जाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर चोटें बताई गई हैं। याची का कहना था कि ओमप्रकाश को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीने में दर्द होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मौत नैसíगक है।

Posted By: Inextlive